दरअसल यह फ़िल्म तकनीकी विकास के इस युग में नैतिक गिरावट को दर्शाती है और तकनीक के दुरुपयोग के संभावित परिणामों पर रौशनी डालती है। यह फिल्म कॉर्पोरेट जगत की लालच भरी घातक नज़र पर भी प्रकाश डालती है। इंसान अपने हितों के लिए किस हद तक जा सकता है, यह IRaH दिखाती है जो सही और गलत के बीच के संघर्ष को इंगेजिंग ढंग से दर्शाती है। फ़िल्म में कलाकारों के अभिनय की बात करें तो रोहित रॉय ने हरी सिंह के अपने किरदार में जान डाल दी है। करिश्मा कोटक ने भी एक मुश्किल भूमिका को प्रभावी रूप से उजागर किया है जबकि राजेश शर्मा ने एक गंभीर किरदार को बखूबी प्ले किया है। सैम भट्टाचार्जी का निर्देशन कमाल का है। एक नए किस्म का सिनेमा बनाने में वह सफल रहे हैं। फ़िल्म का कैमरावर्क मंत्रमुग्ध कर देने वाला है, जो दर्शकों को एक अलग ही दुनिया में ले जाता है। फ़िल्म आइरा IRaH अपनी मनोरंजक कहानी, अनूठे किरदारो और हैरत भरे दृश्यों के साथ एक नया और सुखद सिनेमाई अनुभव प्रदान करती है। फ़िल्म का संगीत भी कमाल का है। फ़िल्म बढ़कर एक वी एफ एक्स शॉट्स हैं। फ़िल्म एक बार देखने लायक है। रोहित बोस रॉय ने अपने कंधे पर पूरी फिल्म बड़ी जिम्मेदारी के साथ उठाई है।
फ़िल्म समीक्षा : आइरा IRaH - द इमोर्टिलिटी ऐप
कलाकार : रोहित रॉय, करिश्मा कोटक और राजेश शर्मा
निर्देशक : सैम भट्टाचार्जी
बैनर : बिग फिल्म्स मीडिया
रेटिंग : 3 स्टार्स
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