सीहोर : मरीह माता मंदिर में आज किया जाएगा 101 पार्थिव शिवलिंगों का निर्माण - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

रविवार, 14 अप्रैल 2024

सीहोर : मरीह माता मंदिर में आज किया जाएगा 101 पार्थिव शिवलिंगों का निर्माण

  • माता दुर्गा, कुबेर, भोलेनाथ, भगवान गणेश सहित अन्य का किया अभिषेक

Marih-mata-sehore
सीहोर। हर साल की तरह इस साल भी शहर के विश्रामघाट मां चौसट योगिनी मरीह माता मंदिर में आस्था के साथ चैत्र नवरात्रि का पर्व मनाया जा रहा है। इस मौके पर हर रोज यहां पर यज्ञाचार्य के द्वारा दुर्गा सप्तशती का पाठ और नियमित से सुबह 31 हजार से अधिक देवी मंत्रों के साथ आहुतियां दी जा रही है। रविवार को सुबह मंदिर परिसर में स्थित मां दुर्गा,  भोलेनाथ, भगवान विष्णु, भगवान गणेश, माता लक्ष्मी, कुबेर और शनि आदि का पंचामृत से मंदिर के व्यवस्थापक रोहित मेवाड़ा, मंच की ओर से मनोज दीक्षित मामा सहित अन्य श्रद्धालुओं ने विधि-विधान से अभिषेक किया और उसके पश्चात यहां पर नियमित रूप से महिला मंडलों के द्वारा 100 से अधिक कन्याओं को भोजन प्रसादी का वितरण किया। सोमवार को  101 पार्थिव शिवलिंगों का निर्माण किया जाएगा। इस मौके पर मंदिर के प्रबंधक गोविन्द मेवाड़ा, रोहित मेवाड़ा, जितेन्द्र तिवारी, मनोज दीक्षित मामा, पंडित उमेश दुबे, पंडित गणेश शर्मा, अनिल राय, सुनिल चौकसे, सुभाष कुशवाहा, पंकज झंवर सुमित भानू उपाध्याय, रामू सोनी, चिन्दू, प्रवेश, राजेश कुशवाहा, राजकुमार कुशवाहा, संदीप कुशवाहा, प्रवीण और सुनील सहित अन्य शामिल थे।


इसी स्वरूप में महिषासुर दानव का वध किया

श्री दीक्षित ने बताया कि आदिशक्ति देवी दुर्गा के छठे स्वरूप मां कात्यायनी की पूजा की जाती है। इसी स्वरूप में महिषासुर दानव का वध किया था। इसलिए मां कात्यायनी को महिषासुरमर्दिनी के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन लाल रंग का वस्त्र धारण करना शुभ माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि मां दुर्गा के इस स्वरूप की आराधना करने वाले को धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष की प्राप्ति होती है। अगर किसी कन्या के विवाह में बाधा आ रही हो, तो उसे मां कात्यायनी का व्रत और पूजन करना चाहिए। ऐसा करने से विवाह में आ रही अड़चनें दूर होती हैं। कात्यायनी को गौरी, काली, उमा, ईश्वरी, हेमावती के नाम से जाना जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, मां कात्यायनी की उपासना करने से इंसान की मनचाही मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और मां कात्यायनी की कृपा सदैव बनी रहती है। अगर आप भी मां कात्यायनी की कृपा के भागी बनना चाहते हैं, तो पूजा के समय निम्न आरती और स्तोत्र का पाठ अवश्य करें। मान्यता है कि ऐसा करने से मां प्रसन्न होती हैं और जीवन में सुख-शांति की प्राप्ति होती है।


16 अपै्रल को की जाएगी रात्रि बारह बजे महानिशा आरती

मंदिर के व्यवस्थापक रोहित मेवाड़ा ने बताया कि यहां पर सभी प्रकार की नवरात्रि पर चौसट योगनी मरीह माता मंदिर पर विशेष अनुष्ठान का आयोजन लंबे समय से किया जा रहा है। मंगलवार की रात्रि बारह बजे यहां पर महाष्टमी के पावन अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के द्वारा महानिशा आरती की जाएगी। वहीं दोपहर बारह बजे कन्या भोज का आयोजन किया जाएगा। 

कोई टिप्पणी नहीं: