जमुई : लोजपारा के अरुण भारती की उम्‍मीदवारी पर खतरा मंडराया - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

गुरुवार, 4 अप्रैल 2024

जमुई : लोजपारा के अरुण भारती की उम्‍मीदवारी पर खतरा मंडराया

  • शपथ पत्र के साथ नहीं दिया है जाति प्रमाण पत्र

arun-bharti-ljp
जमुई : लोजपारा के उम्‍मीदवार हैं अरुण कुमार भारती। विदेश से शिक्षा ग्रहण किया है। खास बात यह है कि वे पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के दामाद और चिराग पासवान के बहनोई हैं। इनकी मां ज्‍योति एमएलए और एमएलसी भी रही हैं। इनका अपना व्‍यावसायिक कारोबार भी है। इस संबंध में उन्‍होंने विस्‍तृत जानकारी शपथ पत्र में दी है। उनके शपथ पत्र के अध्‍ययन के दौरान एक बात निकलकर सामने आयी कि शपथ पत्र में उन्‍होंने खुद को दुसाध जाति का बताया है। लेकिन शपथ पत्र के साथ जाति प्रमाण का होना आवश्‍यक है, जो शपथ पत्र के साथ अटैच नहीं है। यदि कोई उम्‍मीदवार आरक्षित सीट से लड़ते हैं और तो जाति प्रमाण पत्र का होना आवश्‍यक है। जाति प्रमाण पत्र नहीं हो तो उनको उस श्रेणी का उम्‍मीदवार नहीं माना जाएगा। इस आधार पर उम्‍मीदवारी भी रद की जा सकती है। लेकिन जिला निर्वाचन पदाधिकारी ने उनके निर्वाचन को सही करार दिया है और इसके आधार पर उन्‍हें चुनाव चिह्न भी आवंटित कर दिया गया है। नामांकन पत्र में उन्‍होंने पिता का नाम दर्ज नहीं किया है। माता के नाम के रूप में ज्‍योति का नाम लिखा हुआ है। किसी भी व्‍यक्ति की जाति का निर्धारण पिता की जाति से होता है। संभव है कि उनके जाति प्रमाण पत्र में पिता का नाम दर्ज हो और उसी आधार पर उनकी जाति तय हुई हो। लेकिन जाति प्रमाण पत्र की कॉपी ही नहीं लगायी है। वे दानापुर विधान सभा क्षेत्र के बूथ नंबर 281 के मतदाता हैं और उनकी क्रम संख्‍या 361 है। उसमें अरुण कुमार भारती के पिता का नाम ज्‍योति लिखा हुआ है। नामांकन पत्र में उन्‍होंने माता का नाम ज्‍योति लिखा है और वोटर लिस्‍ट में पिता का नाम ज्‍योति लिखा हुआ है। दोनों ज्‍योति एक ही हैं या पति-पत्‍नी का एक ही नाम संयोग वश हो गया है। इस संबंध में कुछ कहना मुश्किल है।


सबसे बड़ा सवाल यह है कि भारतीय संवैधानिक व्‍यवस्‍था में किसी भी व्‍यक्ति की जाति का निर्धारण पिता की जाति से होता है। उन्‍होंने हर जगह माता का नाम का जिक्र है। जाति प्रमाण पत्र में संभव है कि पिता का नाम हो, लेकिन उसकी कॉपी नहीं लगी हुई है। तो क्‍या किसी व्‍यक्ति की जाति का निर्धारण सिर्फ माता की जाति से हो सकता है। इस संबंध में हम राज्‍य निर्वाचन अधिकारी से जानना चाहते हैं कि क्‍या अरुण कुमार भारती के नामांकन पत्र के साथ दिये गये दस्‍तावेजों की जांच नहीं की गयी थी। क्‍या उसमें जा‍ति प्रमाणपत्र अटैच है। एक व्‍यक्ति के माता और पिता का नाम एक ही है, इस संबंध कोई स्‍पष्‍टीकरण उम्‍मीदवार से पूछा गया। इस नामांकन पत्र में दर्ज सूचनाओं को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं। पहला यह है कि क्‍या किसी व्‍यक्ति की जाति माता की जाति से तय हो सकती है। क्‍या किसी व्‍यक्ति के माता और पिता का नाम एक ही हो सकता है। दोनों में से किसी नाम के साथ सरनेम नहीं लगा हुआ है। क्‍या बिना जाति प्रमाण पत्र के किसी को आरक्षित सीट से नामांकन पत्र को सही ठहराया जा सकता है। ऐसे कई सवाल हैं, जिसका जवाब निर्वाचन आयोग को देना चाहिए।



— बीरेंद्र यादव न्यूज —

कोई टिप्पणी नहीं: