- कन्हैया ने गोपालों के साथ फोड़ी माखन से भरी मटकी
सीहोर। खामखेड़ा जत्रा में गुुरू पूर्णिमा महोत्सव मनाया जा रहा है। श्रीमद भागवत कथा का आयोजन किया जा रहा है। सैकड़ों श्रद्धालु कथा श्रवण करने पहुंच रहे है। श्रद्धालुओं को श्री हनुमान फाटक मंदिर सीहेार वाले कथा व्यास पं रविशंकर तिवारी के द्वारा संगीमय सारगर्भित कथा श्रवण कराई जा रही है। कथा के पांचवे दिन सोमवार को पं श्री तिवारी ने श्रोताओं के समक्ष भगवान श्री कृष्ण की बाल लीलाऐं प्रसंग प्रस्तुत किया। बाल लीलाऐं सुनाते हुुए पं श्री तिवारी ने कहा कि नन्ने कन्हैया के प्राण हरने ब्रज गई पूतना के जब प्रभू दूूध पीते समय प्राण पीने लगे तो पूतना छोड़ो छोड़ों चिल्लाने लगी लेकिन भगवान जिसको पकड़ लेते है फि र उसे छोड़ते नही है और प्रभू ने पूतना जैसी राक्षसी को भी वैकुंडधाम भेज दिया था। पूतना पूर्वजन्म में राजाबली की पुुत्री थी और भगवान की भक्त थी लेकिन संत श्राप के कारण वह राक्षसी हो गई थी और कंस के कहने पर कन्हैया को मारने ब्रज पहुंची थी। नंदबाबा ने विशाल पूतना का अंतिम सस्ंकार किया। भगवान को मारने के लिए अनेक राक्षस कंस के द्वारा भेजे गए। नंदबाबा ने विशाल पूतना का अंतिम सस्ंकार किया। बाल गोपी ग्याल के मनमोहक प्रसंग सुनाते हुए पं तिवारी ने कहा की भगवान ने ब्रज में खूब माखन चुराने मटकी फोडऩे और दुुष्टों को नरक भेजने की लीलाऐं कर भक्ति का संदेश दिया। कथा के दौरान गोवर्धन पूजन किया गया। मुख्य यजमान के द्वारा पं हरीश तिवारी के सानिध्य में भागवत जी की विधिवत पूजा अर्चना की गई। श्रीमद भागवत कथा प्रतिदिन दोपहर 12 से 3 बजे तक हो रही है।
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