- पशु आहार संयंत्र बना भ्रष्टाचार और मनमानी का अड्डा, सालों से हो रही सुरक्षा गार्डों के वेतन से अवैध वसूली
- दस एकड़ से अधिक के रकबे में स्थित पशु आहार संयंत्र की सुरक्षा खतरे में, इधर गार्डों के सामने अब रोजी रोटी का संकट
कई सालों से चल रही अवैध वसूली
पशु आहार संयंत्र में सुरक्षा के लिए भारत सिक्यूरिटी सर्विस भोपाल के दर्जनभर से अधिक गार्ड तैनात किए गए है। इन गार्डो को प्रतिदिन 411 रूपए के हिसाब से वेतन दिया जा रहा है, जो 26 दिन कार्य करने पर 10 हजार छह सौ रुपए होते हैं। इन गार्डों ने कलेक्ट्रेट की शिकायत में आरोप लगाया कि प्रतिमाह वेतन में से संयंत्र पर तैनात सुरक्षा अधिकारी दशरथ सिंह राजपूत द्वारा प्रति गार्ड से तीन हजार रुपए तक की वसूली की जाती है, रूपए नहीं देने पर नौकरी से निकलवाने या दूसरे शहर में तबादला करने की धमकी दी जाती है। गार्डों ने कहा कि बीते कई सालों से यह अवैध वसूली हो रही है। हमने सिक्यूरिटी एजेंसी मालिक से लेकर पशु आहार संयंत्र के मैनेजर तक से शिकायत की है, लेकिन कहीं कोई सुनवाई नहीं हुई। संयंत्र मैनेजर ने तो हमारा आवेदन तक लेने तक से मना कर दिया। उनका कहना था कि हम क्या कर सकते हैं। गार्डों का आरोप है कि पचामा संयंत्र में बिना गार्डों के भ्रष्टाचार और गोलमाल से भी इंकार नहीं किया जा सकता है।
पचामा पशु आहार संयंत्र की सुरक्षा खतरे में
लंबे समय नाममात्र के वेतन पर काम करने वाले सुरक्षाकर्मियों का सब्र जवाब दे गया तो उन्होंने अपनी वर्दियां कार्यालय में जमा करते हुए काम बंद कर दिया। जिसके चलते दस एकड़ से अधिक के रकबे में स्थित पचामा पशु आहार संयंत्र की सुरक्षा खतरे में आ गई है। इधर गार्डों के सामने अब रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया है।
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