शिक्षा मंत्रालय ने 2025 से वर्ष में दो बार बोर्ड परीक्षा के लिए तैयारी करने को कहा - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शुक्रवार, 26 अप्रैल 2024

शिक्षा मंत्रालय ने 2025 से वर्ष में दो बार बोर्ड परीक्षा के लिए तैयारी करने को कहा

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नयी दिल्ली, 26 अप्रैल, शिक्षा मंत्रालय ने केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) से 2025-26 शैक्षणिक सत्र से साल में दो बार बोर्ड परीक्षाएं आयोजित करने के संबंध में व्यवस्थागत तैयारी करने को कहा है। सूत्रों ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि सेमेस्टर प्रणाली शुरू करने की योजना को खारिज कर दिया गया है। सूत्रों ने कहा कि मंत्रालय और सीबीएसई साल में दो बार बोर्ड परीक्षाएं आयोजित करने के लिए अगले महीने स्कूलों के प्रधानाध्यापकों के साथ चर्चा करेंगे। उन्होंने बताया कि सीबीएसई वर्तमान में इस बात पर काम कर रहा है कि स्नातक प्रवेश कार्यक्रम को प्रभावित किए बिना एक और बोर्ड परीक्षा को समायोजित करने के लिए अकादमिक कैलेंडर को कैसे तैयार किया जाएगा। एक सूत्र ने बताया, ‘‘मंत्रालय ने सीबीएसई से इस बात पर काम करने को कहा है कि साल में दो बार बोर्ड परीक्षा किस तरह आयोजित की जाएगी। बोर्ड तौर-तरीकों पर काम कर रहा है और अगले महीने स्कूल के प्रधानाध्यापकों के साथ चर्चा की जाएगी।’’ सूत्र ने बताया ‘‘2025-26 शैक्षणिक सत्र से वर्ष के अंत में बोर्ड परीक्षाओं के दो संस्करण आयोजित करने का विचार किया जा रहा है, लेकिन तौर-तरीकों पर अभी भी काम करने की जरूरत है। हालांकि, सेमेस्टर प्रणाली को लागू करने की कोई योजना नहीं है।’’ मंत्रालय की प्रारंभिक योजना 2024-25 शैक्षणिक सत्र से साल में दो बार बोर्ड परीक्षाएं शुरू करने की थी। हालांकि, इसे एक साल आगे बढ़ा दिया गया है। केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त एक समिति द्वारा तैयार नया राष्ट्रीय पाठ्यक्रम ढांचा (एनसीएफ) ने 11वीं और 12वीं कक्षा के छात्रों के लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के अनुरूप एक सेमेस्टर प्रणाली का प्रस्ताव रखा है। समिति का नेतृत्व भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के पूर्व अध्यक्ष के. कस्तूरीरंगन ने किया था। पिछले साल अगस्त में मंत्रालय द्वारा जारी रूपरेखा में यह भी प्रस्ताव दिया गया था कि छात्रों को साल में दो बार अपनी बोर्ड परीक्षा देने का विकल्प दिया जाए। सूत्र ने कहा, ‘‘सीबीएसई अभी कार्यक्रम पर विचार-विमर्श कर रहा है ताकि छात्रों को अधिकतम लाभ मिल सके और बोर्ड परीक्षाओं को तनाव मुक्त बनाने का लक्ष्य हासिल किया जा सके। हालांकि, व्यवस्थागत चुनौती है जिससे निपटने की जरूरत है।’’ केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने पिछले साल अक्टूबर में एक साक्षात्कार में ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया था कि छात्रों के लिए साल में दो बार बोर्ड परीक्षा देना अनिवार्य नहीं होगा। उन्होंने कहा था, ‘‘छात्रों के पास इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा जेईई की तरह साल में दो बार (कक्षा 10वीं और 12 वीं बोर्ड) परीक्षा में बैठने का विकल्प होगा। वे सर्वश्रेष्ठ स्कोर चुन सकते हैं...लेकिन यह पूरी तरह से वैकल्पिक होगा, कोई बाध्यता नहीं होगी।’’ 

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