- बेहतर स्वास्थ्य प्रबंधन के लिए आम नागरिकों की बनायी जा रही आभा आईडी
- अब तक मधुबनी से 13.04 लाख लोगों की बनी है आईडी
- आभा नंबर बनाएं और आयुष्मान भारत की डिजिटल स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ उठाएं
आभा हेल्थ आईडी कार्ड एक 14 अंकों का यूनिक नंबर है :
सिविल सर्जन डॉ. नरेश कुमार भीमसारिया ने बताया आभा नंबर डिजिटल स्वास्थ्य प्रणाली का हिस्सा बनने के लिए सबसे पहला कदम है, जो आपके स्वास्थ्य रिकार्ड को कागज़ रहित बनाता है। आभा हेल्थ आईडी कार्ड एक 14 अंकों का यूनिक नंबर है। जिसके साथ आप अपने सभी स्वास्थ्य रिकॉर्ड को डिजिटल रूप से लिंक कर सकते हैं। 30 सेकेंड से कम समय में आधार नंबर या मोबाइल नंबर का उपयोग करके अपना आभा हेल्थ आईडी कार्ड बना सकते हैं।
आभा हेल्थ आईडी कार्ड के लाभ:
जिला अनुश्रवण एवं मूल्यांकन पदाधिकारी सुनील कुमार ने बताया पूरे भारत में, सत्यापित डॉक्टरों, अस्पताल एवं स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं को आभा हेल्थ आईडी कार्ड देकर उनसे सभी मेडिकल रिकॉर्ड जैसे लैब रिपोर्ट, प्रिस्क्रिप्शन, अस्पताल के भर्ती एवं डिस्चार्ज के विवरण, एम आर आई रिपोर्ट आदि साझा कर सकते हैं। अब आपको डॉक्टर से मिलने के लिए रिपोर्ट साथ ले जाने की या अस्पताल का भर्ती फॉर्म भरने के लिए लंबी लाइनों में खड़े होने की कोई ज़रूरत नहीं। बस ,अपना आभा हेल्थ आईडी कार्ड नंबर बताएं।
आभा या नेशनल हेल्थ आईडी कार्ड क्या है:
प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर, आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के जय शंकर कुमार ने बताया आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट (आभा ) या हेल्थ आईडी , भारतीय नागरिकों के लिए आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (एबीडीएम) के तहत भारत सरकार की एक पहल है। जो उनकी सभी स्वास्थ्य संबंधी जानकारी को एक ही जगह पर एकत्रित करती है। आभा एड्रेस के साथ, हेल्थ आईडी कार्ड या आभा नंबर बनाने से, सभी को डॉक्टरों और अन्य हेल्थ सर्विस प्रोवाइडरों से डिजिटल रूप से सभी प्रकार के मेडिकल रिपोर्ट और प्रिस्क्रिप्शन प्राप्त करने में मदद मिलेगी। आभा कार्ड बनाने और ऑनलाइन पंजीकरण को पूरे मधुबनी में करवाने में स्वास्थ्य विभाग को पिरामल संस्था के मुदित पाठक और शुभम कुमार, जो डिस्ट्रिक्ट कोऑर्डिनेटर हैं, भाव्या के सहयोग कर रहे हैं।
आभा या हेल्थ आईडी कैसे बनाएं:
आभा हेल्थ आईडी 3 आसान चरणों में कोई भी व्यक्ति स्वयं से भी बना सकते हैं-
प्रथम चरण अपना 10 अंकों का फोन नंबर दर्ज करें और ओटीपी के साथ प्रमाणित/सत्यापित करें
•द्वितीय चरण अपना नाम, लिंग और जन्मतिथि दर्ज करें और आगे बढ़ें
•तीसरा चरण अपना पीएचआर एड्रेस बनाएं, अपना राज्य और जिला चुनें और आगे बढ़ें।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें