- राष्ट्र को सर्वोपरि रखें, आर्थिक राष्ट्रवाद को अपनाएं , आईआईएम बोधगया के छात्रों से उपराष्ट्रपति का आह्वान
उपराष्ट्रपति ने रेखांकित किया की , विश्व बैंक और IMF जैसी संस्थाएं जो कभी हमें सलाह देती थीं वो आज भारत के वित्तीय समावेशीकरण और डिजिटल सार्वजनिक इन्फ्रास्ट्रक्चर जैसी उपलब्धियों की सराहना करती हैं। उन्होंने कहा कभी जिस विदेशी मुद्रा के लिए भारत को अपना सोना विदेशी बैंकों में गिरवी रखना पड़ा था, आज हमारे पास विदेशी मुद्रा का रिकॉर्ड भंडार है, भारत विदेशी निवेश का पसंदीदा केंद्र बन गया है। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि "आज भारत आशाओं से भरा देश है"। वे आईआईएम परिसर को छोड़ नए वृहत्तर जीवन में प्रवेश करेंगे तब बढ़ते भारत के बढ़ते अवसर उनकी प्रतीक्षा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत की प्रगति अब रुकने वाली नहीं क्योंकि मेधावी युवा छात्रों की प्रतिभा और आकांक्षा उसे रुकने नहीं देगी। उपराष्ट्रपति ने कहा कि विगत दस वर्षों के आर्थिक विकास ने युवाओं को बेहतर अवसर उपलब्ध कराए हैं। " आप सौभाग्यशाली है कि आप भारत@2047 की प्रगति यात्रा का हिस्सा बन रहे हैं।" उपराष्ट्रपति ने युवा छात्रों को तेजी से बदलते विश्व में तेजी से बदलती टेक्नोलॉजी के कारण आने वाली चुनौतियों का सामना करने और उन्हें अवसर मैं बदलने का आह्वाहन किया। उन्होंने कहा कि सरकार क्वांटम कम्प्यूटिंग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, हरित हाइड्रोजन जैसी नई टेक्नोलॉजी के व्यापक उपयोग की दिशा में कार्य कर रही है। उन्होंने कहा भविष्य मैं इन क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर नए अवसर पैदा होंगे।
उपराष्ट्रपति ने युवा छात्रों से अपने रुचि के क्षेत्र में अपने लिए नए अवसर तलाशने का आह्वाहन किया। उन्होंने कहा कि विगत कुछ वर्षों में सरकार को भ्रष्ट सत्ता के दलालों के प्रभाव से मुक्त कर दिया गया है। क्षणिक लाभ के लिए लिया गया शार्ट कट, लंबे समय तक कानून की गिरफ्त में डाल सकता है। युवा स्नातकों को रुचि के क्षेत्र में इनोवेशन और उद्यमिता के लिए प्रेरित करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि किसी भी इनोवेटिव विचार को सीमित न करें बल्कि उसे लागू करें। इस संदर्भ में उपराष्ट्रपति ने भारत में बढ़ रहे Start Ups तथा UniCorns का जिक्र करते हुए, विद्यार्थियों से अपने विचारों को आजादी से अभिव्यक्त करने का आग्रह किया।उपराष्ट्रपति ने युवा स्नातकों से राष्ट्र को प्रथम और सर्वोपरि रखने का आह्वाहन किया। इस अवसर पर बिहार के राज्यपाल श्री अरलेकर, नीति आयोग के पूर्व सीईओ अमिताभ कांत, आईआईएम बोधगया के निदेशक मंडल के अध्यक्ष श्री उदय कोटक, संस्थान की निदेशक सुश्री विनीता सहाय सहित अनेक गणमान्य अतिथि, विद्यार्थी, उनके शिक्षक और अभिभावक उपस्थित रहे।
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