सीहोर। हनुमान जी से बड़ा कोई भक्त नहीं है। इस कलयुग में तो हनुमान जी के दर्शन सबसे बड़े वंदनीय माने जाते हैं। जिस तरह से भक्त के बिना भगवान अधूरे माने जाते हैं, ठीक वैसे ही हनुमान जी के बिना राम भी अधूरे ही हैं। इसलिए कहा जाता है कि जब भी आप हनुमान जी के मंदिर में जाएं तो जय श्री राम कहें या जय सीता राम कहें। उक्त विचार जिला मुख्यालय के समीपस्थ ग्राम चंदेरी में जारी संगीतमय श्रीराम कथा के दौरान कथा व्यास पंडित देवेन्द्र शास्त्री ने कहे। उन्होंने कहा कि प्रबिसि नगर कीजे सब काजा हृदयं राखि कौसलपुर राजा चौपाई के माध्यम से बताया भगवान भक्तों के हृदय में ही विराजमान रहते हैं। राम दूत मैं मातु जानकी, सत्य शपथ करुणा निधान की यह मुद्रिका मातु मैं आनी, दीन्ह राम तुम्ह कह सहिदानी। पंडित श्री शास्त्री ने कहा कि सुन्दर काण्ड के गूढ़ तत्वों का उल्लेख किया। कहा कि जब हनुमान जी भगवान राम का दूत बनकर लंका में प्रवेश करते हैं, तो वह अपना रूप अत्यंत लघु कर लेते हैं। यहाँ अपने शरीर का आकार छोटा करने का अर्थ यह है कि वह अपने आप मामूली व्यक्ति बनकर माता सीता के सम्मुख जाते हैं। यहां लघुता का अर्थ अभिमान रहित से है। उसके पीछे भी एक मंशा यह है कि मां सीता की भक्ति को प्राप्त करने के लिए व्यक्ति को अभिमान रहित होना होगा। तभी मां सीता की भक्ति मिल सकती है। इसी बीच अशोक वाटिका में रावण का आगमन होता है। यहां रावण का अभिप्राय समस्या से है, वही हनुमान जी का अर्थ सलूशन (समाधान ) से है। मानव जीवन में समस्याओं के आने से पूर्व उसका समाधान मौजूद होता है। यज्ञ के संचालक धर्मरक्षक पंडित दुर्गाप्रसाद कटारे ने बताया कि ग्राम चंदेरी पूरी तरह राममय हो गया है। यहां पर सुबह से यज्ञ का आयोजन किया जा रहा है, दोपहर में श्रीराम कथा का आयोजन किया जा रहा है, वहीं शाम को भजन कीर्तन का आयोजन किया जाता है।
सोमवार, 15 अप्रैल 2024
Home
मध्य प्रदेश
सीहोर : हनुमान जी के दर्शन सबसे बड़े वंदनीय माने जाते : कथा व्यास पंडित देवेन्द्र शास्त्री
सीहोर : हनुमान जी के दर्शन सबसे बड़े वंदनीय माने जाते : कथा व्यास पंडित देवेन्द्र शास्त्री
Tags
# मध्य प्रदेश
Share This
About आर्यावर्त डेस्क
मध्य प्रदेश
Labels:
मध्य प्रदेश
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
Author Details
सम्पादकीय डेस्क --- खबर के लिये ईमेल -- editor@liveaaryaavart.com
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें