- विश्वनाथपुरी में नौ दिवसीय संगीतमयी श्री राम कथा का पहला दिवस
उक्त आषय के उदगार सुप्रसिद्ध श्री रामकथा वाचक श्रीश्री 1008 महंत श्री उद्धवदास जी त्यागी महाराज श्रीराम कुटी आश्रम सीहोर ने शहर के सीवन स्काई सिटी के नजदीक विष्वनाथपुरी में स्थित प्रसिद्ध श्री संकटमोचन हनुमान मंदिर शनिवार से नौ दिवसीय संगीतमयी श्री रामकथा के प्रथम दिवस बडी संख्या में उपस्थित श्रद्धालुओं को रामरस में सराबोर करते हुए व्यक्त किए। महाराजश्री ने कहा कि राम चरित मानस का नाम इसलिए रखा गया ताकि आम जनमानस रामचरित को अपने जीवन में उतार सके और अपने जीवन को सही रास्ते पर चला कर अपने दायित्व और धर्म का पालन कर सके। उन्होंने कहा कि माता-पिता, पति-पत्नि, मित्र सभी को अपने अपने धर्म का पालन करना रामचरित मानस सिखाती है। यदि सभी अपने धर्म का पालन कर अपना जीवन व्यतीत करें तो पूरा देष और समाज उन्नति के पथ पर अग्रसर हो जाएगा। उन्होंने कहा कि हम सबका यह बडा सौभाग्य है कि हम उस वर्ष में श्रीरामकथा का श्रवण कर रहे हैं जब अयोध्या में भगवान श्री राम 500 वर्ष बाद अपने मंदिर में विराजमान हुए हैं। कथा में अपनी सुमधुर वाणी में महाराज जी ने कई भजन सुनाए जिन्हें सुनकर सभी श्रद्धालु मंत्रमुग्ध हो गए।
उल्लेखनीय है कि प्रति वर्ष अनुसार इस वर्ष भी 13 अप्रैल शनिवार से 21 अप्रैल रविवार तक प्रतिदिन रात्रि 8 बजे से 11 बजे तक नौ दिवसीय श्री रामकथा का आयोजन किया जा रहा है। कथा में शहर श्री उद्धवदास जी त्यागी महाराज श्रीराम कुटी त्यागी आश्रम सीहोर द्वारा सभी भगवत जनों को रामकथा की रसास्वादन कराया जाएगा। कथा आयोजन समिति के अध्यक्ष पद श्री अमित नीखरा मंदिर समिति के अध्यक्ष श्री अनारसिंह चैहान, संरक्षक श्री कमलसिंह ठाकुर, पं. ओमप्रकाष शर्मा, एमएस परमार, मुकेष भावसार, इन्द्रजीतसिंह, महेन्द्रसिंह चैहान, गोपालदास अग्रवाल, भानुप्रसाद गौर कथा आयोजन समिति के उपाध्यक्ष पंकज ठाकुर, संतोष परमार, सुमित गिरोेंदिया, सचिव मोहब्बतसिंह तोमर, कोषाध्यक्ष किषन राठौर, आनंद अग्रवाल तथा मीडिया प्रभारी संजय भावसार सहित शुभम मालवीय, मुकेष प्रजापति ,मनोज दुबे, नीरज ठाकुर, संतोष दरबार आदि अनेक समिति सदस्यों ने सभी धर्मप्रेमी जनों से अधिक से अधिक संख्या में श्रीराम कथा में सम्मिलित होकर धर्मलाभ प्राप्त करने की अपील की है। कथा समापन के अगले दिन श्री हनुमान जन्मोत्सव के अवसर पर मंदिर में अखंड रामायण का पाठ भी किया जाएगा जो 22 अप्रैल को प्रातः प्रारंभ होगा एवं 23 अप्रैल को समापन पष्चात हवन किया जाएगा। इसके साथ ही सायंकाल विषाल भण्डारे का आयोजन किया जाएगा।
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