- मंदिर में कुछ छुपाना नहीं चाहिए क्योंकी सब जानते है परमात्मा
सीहोर। खामखेड़ा जत्रा में आयोजित श्रीमद भागवत कथा के दौरान श्रद्धालुओं के समक्ष शनिवार को श्री हनुमान फाटक मंदिर सीहेार वाले कथा व्यास पं रविशंकर तिवारी ने कहा कि भक्त द्वारा भाव से लगाया गया केलों के छिलकों का भोग भी भगवान सहजता से ग्रहण कर लेते है भगवान के समक्ष कोई सडय़ंत्र नहींं रचना चाहिए परमात्मा से कुछ छुपाना नहीं चाहिए क्योंकी परमात्मा सब जानते है। पंडित श्री तिवारी ने कहा कि पांडवों के दूत बनकर दुर्योधन से पांंडवों के लिए पांच गांव मांगने गए भगवान श्रीकृष्ण के लिए दुर्योधन ने सवा करोड़ के पकवान बनवाऐं थे लेकिन दुर्योधन में भक्तिभाव नहीं था इस लिए भगवान श्रीकृष्ण ने दुर्योधन के भोजन का परित्याग कर दिया। भगवान बिना बुलाए भक्त विदर विदुररानी की झोपड़ी में भोजन करने के लिए पहुंच गए। तब भक्तिभाव के कारण विदुर रानी ने भगवान को केले के छिलके ही परोस दिए और भगवान ने सहजता से छिलकों का ही ग्रहण कर लिया। शिव पार्वती का विवाह प्रसंग सुनाया गया। बाल कलाकारों द्वारा शिव पार्वती का स्वांग रचाकर श्रद्धालुओं के समक्ष भक्ति की शक्ति बताई गई। मधुर भजनों पर श्रोतागण पंडाल मेंं नृत्य करते करते दिखाई दिए।
सुुखदेव राजा परिक्षित संवाद प्रसंग प्रस्तुत करते हुए पंडित श्री तिवारी ने कहा कि एक वृद्ध सेठ को आयू पूर्ण होने पर यमराज के दूत लेने पहुंचे तो सेठ ने कहा कि अभी तो मुझे अपनी चोथी पीड़ी के लिए धन संचय करना है यमराज के दूतों ने समय नहीं दिया तब सेठ ने कहा की आधा धन लेलो लेकिन मुझे एक दिन दे दो यमदूतों ने रिश्वत लेने से मना कर दिया ओर कहा कि यह एैसा नहीं होता है सेठ ने कहा कि एक दिन हीं दे दो जिस से में अपने परिजनों से मिल लू सेठ को एक दिन भी नहीं मिला। सेठ ने अपने पुत्र को पत्र लिखा जिस में कहा की बेटा मेंने जीवन में खूब धन कमाया लेकिन धन से जीवन का एक दिन भी नहीं ले सका तुम धन अधिक मत कमाना अपनी अगली पीड़ी की चिंता मत करना भगवान का भजन करना और अपना परलोक सूधार लेना हमें भी अपना परलोक समय रहते सुधार लेना चाहिए। पंडित रविशंकर तिवारी के सानिध्य में मुख्य यजमान द्वारा विधिवत भागवत जी की आरती की गई। श्रीमद भागवत कथा सुनने के लिए बड़ी संख्या में खामखेड़ा जत्रा सहित आसपास के ग्रामीणजन पहुंच रहे है।
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