- पंडित प्रदीप मिश्रा के पुत्र राघव महाराज की पहली कथा, हजारों की संख्या में पहुंचे श्रद्धालु, 30 अपै्रल दिन इतिहास के पन्ने में होगा दर्ज
- मात्र 15 साल की उम्र में कथा करना आरंभ किया, विश्व में मशहूर कथावाचक प्रदीप मिश्रा के पुत्र है पंडित राघव मिश्रा
शिव महापुराण मानव जाति को सुख-समृद्धि व आंनद देने वाली
कथा के पहले दिन पंडित राघव मिश्रा ने कहा कि शिव महापुराण मानव जाति को सुख-समृद्धि व आंनद देने वाली है। क्योंकि भगवान शिव कल्याण एवं सुख के मूल स्त्रोत हैं। भगवान भोले नाथ की कथा में गोता लगाने से मानव को प्रभु की प्राप्ति होती है, लेकिन भगवान शिव की महिमा सुनने व उनमें उतरने में अंतर होता है। सुनना तो सहज है, लेकिन इसमें उतरने की कला हमें केवल एक संत ही सिखा सकता हैं। शिव महापुराण एक विलक्षण व दिव्यता से परिपूर्ण ग्रंथ है। शिव महापुराण की कथा मानव जाति को सुख समृद्धि व आनंद देने वाली है। क्योंकि भगवान भूतों के अधीश्वर साक्षात परमात्मा हैं। जो समस्त जीवों को आत्म ज्ञान देकर ईश्वर से जुडऩे की कला सिखाते हैं।
पहले दिन चंचुला का शिव धाम प्रसंग
कथा के पहले दिन पूरे जोश और उत्साह के साथ श्रद्धालुओं के मध्य पहुंचे पंडित राघव मिश्रा का जोरदार स्वागत किया गया। उनके चेहरे की सुंदरता और तेज के आगे सब फीका नजर आ रहा था, श्रद्धालुओं की नजर उनकी मासूम चेहरे पर थी, लेकिन छोटे महाराज ने आते ही अपने भजन-कीर्तन और अपने पिता से मिले संस्कार से सभी का मनमोह लिया। उन्होंने कहा कि चंचुला नाम की स्त्री को जब संत का संग मिला वह शिव धाम की अनुगामिनी बनी। एक घड़ी के सत्संग की तुलना स्वर्ग की समस्त संपदा से की गई है। भगवान शिव भी सत्संग का महत्व मां पार्वती को बताते हुए कहते हैं कि उसकी विद्या, धन, बल, भाग्य सब कुछ निरर्थक है जिसे जीवन में संत की प्राप्ति नहीं हुई। परंतु वास्तव में सत्संग कहते किसे हैं। सत्संग दो शब्दों के जोड़ से मिलकर बना यह शब्द हमें सत्य यानि परमात्मा और संग अर्थात् मिलन की ओर इंगित करता है। परमात्मा से मिलन के लिए संत एक मध्यस्थ है, इसलिए हमें जीवन में पूर्ण संत की खोज में अग्रसर होना चाहिए, जो हमारा मिलाप परमात्मा से करवा दे।
आज किया जाएगा सत्यम शिवम सुंदरम
विठलेश सेवा समिति के मीडिया प्रभारी प्रियांशु दीक्षित ने बताया कि बुधवार को कथा का दूसरा दिन रहेगा। कथा में सत्यम शिवम सुंदरम आदि का वर्णन किया जाएगा। कथा के पहले ही दिन हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं के पहुंचने से हाल खचाखच भर गया है, बाहर बैठने आदि की व्यवस्था की जाएगी। कथा के दौरान अग्रवाल महिला मंडल सहित अन्य ने पंडित राघव मिश्रा का स्वागत किया।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें