- नगर निगम, मधुबनी एवं सभी नगर निकायों को प्याउ की सुविधा सुनिश्चित कराने का निदेश
जिलाधिकारी द्वारा स्वास्थ्य विभाग को सभी पीएचसी में हीट बेव एवं लू से बचाव को लेकर डेडिकेटेड वार्ड की व्यवस्था करने, पर्याप्त मात्रा में दवा की उपल्धता सुनिश्चित करने एवं आई.सी.डी.एस. को उनके अधियाचना के आलोक में ओ.आर.एस. का पैकेट उपलब्ध कराने का निदेश दिया। विद्युत विभाग को नियमित विद्युत आपूर्ति करने एवं विद्युत समस्याओं के त्वरित निष्पादन करने हेतु आवश्यक निदेश दिया गया। उन्होंने विद्युत विभाग के तीनों प्रमंडलों का हेल्पलाईन नंबर पर उपभोक्ताओं का कॉल न सिर्फ ससमय उठाने बल्कि उनकी समस्याओं का त्वरित निष्पादन करने का भी निदेश दिया। इसी क्रम में जिलाधिकारी द्वारा स्वयं सभाकक्ष से हेल्पलाईन के नंबर पर कॉल कर हेल्पलाईन ऑपरेटरों के कार्यो की जांच की गयी। पशुपालन विभाग के अधिकारी को पशुओं भीषण गर्मी को देखते हुए पशुओं के लिए पानी की उपलब्धता हेतु आवश्यक कार्रवाई करने का निदेश दिया। जिलाधिकारी द्वारा श्रम अधीक्षक को श्रमिकों के कार्य का समय गर्मी को देखते हुए निर्धारित करने एवं कार्यस्थल पर पीने का पानी, शेड आदि की उपलब्धता सुनिश्चित कराने का निदेश दिया। साथ ही मनरेगा के श्रमिकों के कार्य अवधियों में भी बदलाव करने का निदेश दिया। जिला प्रोग्राम पदाधिकारी(आई.सी.डी.एस.) को आंगनवाड़ी केन्द्रों को सुबह 07ः30 बजे से 10ः30 बजे पूर्वाहन तक ही संचालित कराने का निदेश दिया। तत्पश्चात जिलाधिकारी द्वारा सूचना एवं जनसंपर्क, शिक्षा, आई.सी.डी.एस. को भीषण गर्मी, हीटवेव एवं आगजनी की घटनाओं को देखते हुए व्यापक प्रचार-प्रसार करने का निदेश दिया। साथ ही आंगनवाड़ी सेविका-सहायिकाओं एवं जीविका दीदीयों के माध्यम से आगजनी तथा लू से बचाव हेतु घर-घर जाकर जागरूकता फैलाने का निदेश दिया गया। जिलाधिकारी ने कहा की भीषण गर्मी एवं लू से बचाव हेतु जनहित में ‘‘क्या करें, क्या नही करें’’ जारी किया गया है । आम जनता इसका अनुपालन कर ऐसी घटनाओं को रोक सकते है।
गर्म हवाएं / लू से सुरक्षा के उपाय
स्थानीय मौसम के पूर्वानुमान और आगामी तापमान में परिवर्तन के बारे में विभिन्न विश्वसनीय माध्यम से लगातार जानकारियां लेते रहें। बार-बार पानी पीयें। सफर में अपने साथ पीने का पानी अवश्य रखें। धूप में जाते वक्त यथा संभव हल्के रंग के ढीले-ढाले एवं सूती कपड़े पहनें। गमछा या टोपी से अपने सिर को ढकें। हल्का भोजन करें, मौसमी फल जैसे-तरबूज, खीरा, ककड़ी, खरबूज, संतरा आदि का अधिकाधिक सेवन करें।घर में बने पेय पदार्थ जैसे लस्सी, नमक-चीनी का घोल, छाछ, नींबू-पानी, आम का पन्ना इत्यादि का नियमित सेवन करें। जानवरों को छाँव में रखें एवं उन्हें भी खूब पानी पीने को दें। अगर तवीयत ठीक न लगे या चक्कर आये तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
लू लगने पर क्या करें
लू लगे व्यक्ति को छाँव में लिटा दें। अगर उनके शरीर पर तंग कपड़े हों तो उसे ढीला कर दें अथवा हटा दें। लू लगे व्यक्ति का शरीर गीले कपड़े से पोछें या ठंडे पानी से नहलाएं एवं बार-बार गीले कपड़े से शरीर को पोछें। संबंधित व्यक्ति को ओआरएस, नींबू पानी, नमक-चीनी का घोल, छाछ या शर्वत पीने को दें, यह शरीर में जल की मात्रा को बढ़ाता है। लू लगे व्यक्ति को शीघ्र नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र में ले जायें।
क्या न करें
कड़ी धूप में बाहर न निकलें। अधिक तापमान में क्षमता से ज्यादा शारीरिक श्रम न करें। प्रोटीन युक्त भोजन जैसे मांस, अंडा व सूखे मेवे जो शारीरिक ताप को बढ़ाते हैं, का सेवन कम करें। लू के कारण पानी की उल्टियां करे या बेहोश हो जाये तो उसे कुछ भी खाने-पीने को न दें। बच्चों एवं पालतू जानवरों को बंद वाहनों में न छोड़ें। दोपहर के समय मवेशियों को चराने के लिए बाहर निकलने से बचें।
बैठक में उप-विकास आयुक्त, दीपेश कुमार, नगर आयुक्त अनिल चौधरी,, अपर समाहर्त्ता, आपदा, संतोष कुमार, आपदा प्रभारी सह डीपीआरओ परिमल कुमार सहित सभी तकनीकी विभागों के पदाधिकारी आदि उपस्थित थे।
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