वोट न डालना पाप है: बेंगलुरु के आर्चबिशप पीटर मचाडो आर्चबिशप डॉ. पीटर मचाडो बैंगलोर आर्चडायसिस के 7वें आर्चबिशप हैं कर्नाटक राज्य का होन्नावर तटीय एक बंदरगाह शहर है जो अपने खूबसूरत परिदृश्य और समृद्ध इतिहास के लिए जाना जाता है. बंदरगाह ने अरब दुनिया के विदेशी व्यापारियों के साथ-साथ बाद में पुर्तगाल, इंग्लैंड और नीदरलैंड जैसे यूरोपीय देशों से भी मेजबानी की. उत्तर कन्नड़ जिले के होन्नावर के रहने वाले हैं डॉ. पीटर मचाडो. उनका जन्म 26 मई, 1954 को हुआ.वे धार्मिक प्रवृत्ति के थे.वे ईसाई धर्म समाज में प्रवेश कर गए.धार्मिक अध्ययन करने के बाद 8 दिसंबर 1978 को कारवार धर्मप्रांत के लिए पुरोहित नियुक्त किये गए. उन्होंने रोम के पोंटिफिकल अर्बनियाना विश्वविद्यालय से कैनन लॉ में डॉक्टरेट की उपाधि भी प्राप्त की है. बताया गया कि 2 फरवरी 2006 को तत्कालीन पोप बेनेडिक्ट XVI द्वारा बेलगावी धर्मप्रांत का बिशप नियुक्त किया गया था, और उसी वर्ष 30 मार्च को उन्हें बेलगावी धर्मप्रांत में बिशप अभिषेक किया गया था.परम पावन पोप फ्रांसिस ने बिशप पीटर मचाडो को बैंगलोर के 7वें आर्चबिशप के रूप में नियुक्त किया और 19 मार्च, 2018 को वेटिकन में आधिकारिक तौर पर इसकी जानकारी दी गई और 31 मई 2018 को स्थापित किया गया. मौलिक और अल्पसंख्यक अधिकारों पर,हाल ही में बुलाई गई एक धर्मोपदेश में बेंगलुरु महाधर्मप्रांत के शीर्ष कैथोलिक आर्चबिशप आर्चबिशप पीटर मचाडो ने ईसाइयों से आगामी संसदीय चुनावों में वोट डालने का आह्वान किया. मानवाधिकारों के प्रबल समर्थक आर्चबिशप, जो सार्वजनिक बयान देने से नहीं हिचकिचाते, ने कहा कि ईसाई समुदाय को धर्मनिरपेक्ष, गैर सांप्रदायिक और कम भ्रष्ट राजनेताओं को वोट देना चाहिए जो भारत के संविधान की रक्षा करेंगे. उन्होंने ईसाइयों से मतदाता सूची में अपना नाम सत्यापित करने का आह्वान किया और उन्हें चुनाव के दिन अन्य कार्य करने से मना किया. - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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बुधवार, 10 अप्रैल 2024

वोट न डालना पाप है: बेंगलुरु के आर्चबिशप पीटर मचाडो आर्चबिशप डॉ. पीटर मचाडो बैंगलोर आर्चडायसिस के 7वें आर्चबिशप हैं कर्नाटक राज्य का होन्नावर तटीय एक बंदरगाह शहर है जो अपने खूबसूरत परिदृश्य और समृद्ध इतिहास के लिए जाना जाता है. बंदरगाह ने अरब दुनिया के विदेशी व्यापारियों के साथ-साथ बाद में पुर्तगाल, इंग्लैंड और नीदरलैंड जैसे यूरोपीय देशों से भी मेजबानी की. उत्तर कन्नड़ जिले के होन्नावर के रहने वाले हैं डॉ. पीटर मचाडो. उनका जन्म 26 मई, 1954 को हुआ.वे धार्मिक प्रवृत्ति के थे.वे ईसाई धर्म समाज में प्रवेश कर गए.धार्मिक अध्ययन करने के बाद 8 दिसंबर 1978 को कारवार धर्मप्रांत के लिए पुरोहित नियुक्त किये गए. उन्होंने रोम के पोंटिफिकल अर्बनियाना विश्वविद्यालय से कैनन लॉ में डॉक्टरेट की उपाधि भी प्राप्त की है. बताया गया कि 2 फरवरी 2006 को तत्कालीन पोप बेनेडिक्ट XVI द्वारा बेलगावी धर्मप्रांत का बिशप नियुक्त किया गया था, और उसी वर्ष 30 मार्च को उन्हें बेलगावी धर्मप्रांत में बिशप अभिषेक किया गया था.परम पावन पोप फ्रांसिस ने बिशप पीटर मचाडो को बैंगलोर के 7वें आर्चबिशप के रूप में नियुक्त किया और 19 मार्च, 2018 को वेटिकन में आधिकारिक तौर पर इसकी जानकारी दी गई और 31 मई 2018 को स्थापित किया गया. मौलिक और अल्पसंख्यक अधिकारों पर,हाल ही में बुलाई गई एक धर्मोपदेश में बेंगलुरु महाधर्मप्रांत के शीर्ष कैथोलिक आर्चबिशप आर्चबिशप पीटर मचाडो ने ईसाइयों से आगामी संसदीय चुनावों में वोट डालने का आह्वान किया. मानवाधिकारों के प्रबल समर्थक आर्चबिशप, जो सार्वजनिक बयान देने से नहीं हिचकिचाते, ने कहा कि ईसाई समुदाय को धर्मनिरपेक्ष, गैर सांप्रदायिक और कम भ्रष्ट राजनेताओं को वोट देना चाहिए जो भारत के संविधान की रक्षा करेंगे. उन्होंने ईसाइयों से मतदाता सूची में अपना नाम सत्यापित करने का आह्वान किया और उन्हें चुनाव के दिन अन्य कार्य करने से मना किया.

  • आर्चबिशप डॉ. पीटर मचाडो बैंगलोर आर्चडायसिस के 7वें आर्चबिशप हैं

Bengluru-bishop
बेंगलुरु, कर्नाटक राज्य का होन्नावर तटीय एक बंदरगाह शहर है जो अपने खूबसूरत परिदृश्य और समृद्ध इतिहास के लिए जाना जाता है. बंदरगाह ने अरब दुनिया के विदेशी व्यापारियों के साथ-साथ बाद में पुर्तगाल, इंग्लैंड और नीदरलैंड जैसे यूरोपीय देशों से भी मेजबानी की. उत्तर कन्नड़ जिले के होन्नावर के रहने वाले हैं डॉ. पीटर मचाडो. उनका जन्म 26 मई, 1954 को हुआ.वे धार्मिक प्रवृत्ति के थे.वे ईसाई धर्म समाज में प्रवेश कर गए.धार्मिक अध्ययन करने के बाद 8 दिसंबर 1978 को कारवार धर्मप्रांत के लिए पुरोहित नियुक्त किये गए. उन्होंने रोम के पोंटिफिकल अर्बनियाना विश्वविद्यालय से कैनन लॉ में डॉक्टरेट की उपाधि भी प्राप्त की है. बताया गया कि 2 फरवरी 2006 को तत्कालीन पोप बेनेडिक्ट XVI द्वारा बेलगावी धर्मप्रांत का बिशप नियुक्त किया गया था, और उसी वर्ष 30 मार्च को उन्हें बेलगावी धर्मप्रांत में बिशप अभिषेक किया गया था.परम पावन पोप फ्रांसिस ने बिशप पीटर मचाडो को बैंगलोर के 7वें आर्चबिशप के रूप में नियुक्त किया और 19 मार्च, 2018 को वेटिकन में आधिकारिक तौर पर इसकी जानकारी दी गई और 31 मई 2018 को स्थापित किया गया. मौलिक और अल्पसंख्यक अधिकारों पर,हाल ही में बुलाई गई एक धर्मोपदेश में बेंगलुरु महाधर्मप्रांत के शीर्ष कैथोलिक आर्चबिशप आर्चबिशप पीटर मचाडो ने ईसाइयों से आगामी संसदीय चुनावों में वोट डालने का आह्वान किया. मानवाधिकारों के प्रबल समर्थक आर्चबिशप, जो सार्वजनिक बयान देने से नहीं हिचकिचाते, ने कहा कि ईसाई समुदाय को धर्मनिरपेक्ष, गैर सांप्रदायिक और कम भ्रष्ट राजनेताओं को वोट देना चाहिए जो भारत के संविधान की रक्षा करेंगे. उन्होंने ईसाइयों से मतदाता सूची में अपना नाम सत्यापित करने का आह्वान किया और उन्हें चुनाव के दिन अन्य कार्य करने से मना किया.

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