थ्रेसर का उपयोग करते समय डीजल इंजन या ट्रैक्टर के साइलेंसर को लंबे पाइप के द्वारा ऊंचाई पर रखें । थ्रेसर के उपयोग करते समय पास में कम से कम 200 लीटर पानी भरकर अवश्य रखें। *खलिहान के आसपास छोटी-छोटी बाल्टियों में बालू भरकर रखें । रोशनी के लिए सोलर लैंप, टॉर्च, इमरजेंसी लाइट इत्यादि बैटरी वाले यंत्र का ही प्रयोग करें। एक खलिहान से दूसरे खलिहान की दूरी 20 फीट से कम ना रखें । खलिहान वैसे जगह लगाएं जहां अग्निशमन वाहन आसानी से पहुंच सके। खलिहान वैसी जगह हो जहां जल स्रोत नजदीक हो ,जैसे नदी, तालाब ,पैन ,बोरिंग । खलिहान में कच्ची फसलों का बड़ा टाल ना लगाया जाए। खलिहान के आसपास अलाव ना जलाएं,यदि बहुत आवश्यक हो तो पानी भरी बाल्टीया अवश्य पास में रखें। बिजली की नंगी तारों के नीचे खलिहान नहीं बनाया जाए। *खलिहान में पूजा में उपयोग किए जाने वाले वस्तु यथा अगरबत्ती ,धूप ,दीपक इत्यादि पर नजर रखें ,जब तक कि वह पूरी तरह बुझ न जाए। खलिहान के आसपास किसी भी उत्सव के दौरान आतिशबाजी का प्रयोग ना तो स्वयं करें नहीं दूसरे को करने दें। बांस के खंबे के द्वारा नंगे बिजली के तार खेतों में ना रखें। खेतों के आसपास बीड़ी सिगरेट आदि ना पिए तथा ना ही किसी को पीने दे । कटनी के बाद खेत में छोड़े डंठलों में आग ना लगाएं। रसोईघर को यथासंभव अग्नि रोधक बनाने के लिए उसे चारों तरफ गीली मिट्टी का लेप लगा दे।* फूस के घरों में भी मिट्टी का लेप लगाएं। देहाती क्षेत्रों में खासकर फूस एवं खपरैल मकानों के निवासी खाना सुबह 8:00 बजे से पहले और शाम 5:00 से 6:00 के बीच* (सूर्यास्त से पूर्व) बना लें। दीप,लालटेन,ढिबरी आदि के प्रयोग में सावधानी बरतें । रसोई में कोई भी ज्वलनशील पदार्थ ना रखें जैसे मिट्टी तेल, सिंथेटिक कपड़े इत्यादि। ढीले और सिंथेटिक कपड़े ना पहने और बालों को खुला न रखें। रसोईघर से बच्चों को दूर रखें। *तेज हवा में खुली जगह पर खाना ना बनाएं यदि संभव हो तो चूल्हे को चारों तरफ से घेर कर रखें । किसी भी जलते पदार्थ को बुझा कर ही सोएं। घर में हमेशा अग्निशामक पदार्थ जैसे कि पानी ,बालू, सूखी मिट्टी ,धूल इत्यादि जमा कर रखें। हरे पेड़ जैसे केला में अग्नि ताप को कम करने की क्षमता होती है अतः इसे अपने घर के चारों ओर लगाएं । सभी लोगों को प्राथमिक उपचार की जानकारी होनी चाहिए सभी लोग आपातकालीन सेवा का फोन नंबर 112 एवं जिला नियंत्रण कक्ष (आपदा) के नंबर 06276-222576 अपने पास अवश्य रखें । जलती हुई बीड़ी सिगरेट और माचिस की काठी के खेत खलियान में ना फेंके। आग बुझाने के लिए पानी, बालू और सुखी मिटटी, धूल का प्रयोग करें। उन्होंने कहा कि अगलगी से सुरक्षा एवम बचाव को लेकर जिले में लगातार जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे है। मॉक ड्रील का आयोजन कर आग पर कैसे काबू पाया जाय इसके विभिन्न तरीकों को बताया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अग्निकांडो की सूचना अग्निशमन पदाधिकारी तक शीघ्र पहुंचाएं ताकि अग्निशमन वाहनों को त्वरित कार्रवाई हेतु भेजा जा सके। अग्निकांड की सूचना अनुमंडल वार अग्निशमन पदाधिकारी के निम्न दूरभाष संख्या पर दी जा सकती है।।
सदर अनुमंडल, 7485805832,7485805833
रहिका थाना-8935898622
बाबुबरही थाना-9798058185, 7782963474
कलुआही थाना :-6200195012
जयनगर अनुमंडल, 7485805838, 7485805839
लदनियां थाना:- 8860931741
झंझारपुर अनुमंडल, 7485805882, 06273295101
मधेपुर थाना:- 9431822752
भेजा थाना- 9431822759
रुद्रपुर थाना-9470001400
बेनीपट्टी अनुमंडल 7485805834, 7485805835
मधवापुर थाना:-8757625103
बिस्फी थाना-9431822735
साहरघाट-9504408005
अरेर थाना-9572906795
फुलपरास अनुमंडल, 7485805836, 7485805837
खुटौना थाना:- 7542840898
लौकही थाना:- 7481064414
आंध्रामठ थाना:-7717789845
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें