कविता : पिता का संघर्ष - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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रविवार, 26 मई 2024

कविता : पिता का संघर्ष

पिता का संघर्ष है,

वो खुदा का रूप है,

जो धूप छांव की ना सोचकर,

बच्चों के मन में हरियाली लाता है,

सच कहूँ तो पिता जीवन की छाया है,

जीवन में वो आनन्द की बरसात है,

जो हर पल हर दुख सुख में मेरे साथ है,

मेरी बेरंग दुनिया में उसका रंग न्यारा है,

वही तो है जिससे मेरी काया है,

पिता रंगों की शान है,

हम बच्चे उसके अभिमान हैं,

वह है तो जीवन रस रंग है,

यही पिता का संघर्ष है।।





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प्रिया आर्य

कपकोट, उत्तराखंड

चरखा फीचर

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