गाजियाबाद : अखिल भारतीय साहित्य परिषद की काव्य संध्या आयोजित - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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सोमवार, 27 मई 2024

गाजियाबाद : अखिल भारतीय साहित्य परिषद की काव्य संध्या आयोजित

  • भीषण गर्मी में कवियों ने कविताओं से कराया शीतलता का अहसास

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गाजियाबाद। अखिल भारतीय साहित्य परिषद महानगर इकाई गाज़ियाबाद की काव्य संध्या में दो दर्जन से अधिक कवि-कवयित्रियों ने काव्य पाठ कर भीषण गर्मी में शीतलता का अहसास कराया। काव्य संध्या राजनगर एक्सटेंशन स्थित एससीसी हाइट्स हाउसिंग सोसायटी के क्लब में आयोजित की गई। महानगर इकाई की अध्यक्ष एवं सुप्रसिद्ध कवयित्री डॉ. रमा सिंह ने काव्य संध्या की अध्यक्षता की। अखिल भारतीय साहित्य परिषद मेरठ प्रांत के अध्यक्ष महाकवि देवेन्द्र देव मिर्जापुरी की विशेष उपस्थिति रही। अखिल भारतीय साहित्य परिषद उत्तर प्रदेश के सचिव अरविन्द भाटी मुख्य अतिथि तो अखिल भारतीय साहित्य परिषद नगर इकाई के अध्यक्ष बीएल बत्रा ‘अमित्र’, बुलंदशहर से पधारे कथाकार महेन्द्र सिंह लिखंतु और अखिल भारतीय साहित्य परिषद मेरठ प्रांत के महासचिव डॉ. चेतन आनंद विशिष्ट अतिथि के रूप में काव्य संध्या में शामिल हुए। सफल संचालन कवि कैप्टन गोपाल गुंजन ने किया। कार्यक्रम का शुभारंभ माँ सरस्वती की प्रतिमा के सम्मुख दीप प्रज्ज्वलित और पुष्प अर्पित कर हुआ। कवयित्री गार्गी कौशिक ने सरस्वती वंदना “हे हंस वाहिनी माँ शारदे“ प्रस्तुत की। कवयित्री गरिमा आर्य ने अपनी रचना “खुदा की मुझ पर हुई नज़र“ से काव्य संध्या की शुरुआत की। कवयित्री सीमा सागर शर्मा की रचना “मैं मर्यादा का बंधन हूँ“ को श्रोताओं की दाद मिली। डाक्टर सुरुचि सैनी ने “कठिन है पंथ जीवन का, अभी कुछ काम करने हैं“ गीत से सभी को मंत्रमुग्ध किया। कवि कमलेश संजीदा ने समसामयिक विषयों पर अपनी रचनाओं की प्रस्तुति से सभी को आकर्षित किया। कवयित्री गार्गी कौशिक ने आज के चुनावी माहौल के मद्देनजर अपनी व्यंग्यात्मक रचना “समाज के ठेकेदारों को है मेरा नमस्कार“ से श्रोताओं का दिल जीत लिया। कवयित्री डॉ. तूलिका सेठ ने अपनी ग़ज़ल “जो देते रहे हर घड़ी बद्दुआ, पूछते हैं वही क्या हुआ क्या हुआ“ से श्रोताओं का दिल जीत लिया। कवि अजीत श्रीवास्तव “नवीन“ ने अपनी गजल “कैसे इंसा हो तुम कमाल करते हो, हर उलझे मुद्दे पर सवाल करते हो“ सुनाकर श्रोताओं का खूब प्यार बटोरा। कवि बीएल बत्रा ने “श्याम के दीवाने हैं“ भक्तिमय रचना से श्रोताओं को भावविभोर कर दिया। कवि कैप्टन गोपाल गुंजन ने “समझो मल्लाह के भरोसे ये नाव चल रही है“ रचना द्वारा एक विशेष संदेश श्रोताओं को दिया, जिसे श्रोताओं ने खूब सराहा। विशिष्ट अतिथि मशहूर कहानीकार महेंद्र सिंह लिखंतु ने अपने संदेश में कार्यक्रम की खूब प्रशंसा की। अखिल भारतीय साहित्य पारिषद मेरठ प्रांत के अध्यक्ष महाकवि देवेन्द्र देव मिर्जापुरी ने ‘धरती के आंचल में जिसने भरे हैं रंग..़’ और ‘भाव जब भावना को सताने लगे’ सरीखी रचनाओं से श्रोताओं का मन मोह लिया। अखिल भारतीय साहित्य पारिषद, उत्तर प्रदेश के सचिव अरविंद भाटी ने “भूखी प्यार दुलार की होतीं हैँ बेटियाँ“ गीत से श्रोताओं को भावुक कर दिया। सुप्रसिद्ध कवि एवं पत्रकार डॉ. चेतन आनंद ‘किसकी खुलेगी पोल, किसका बजेगा ढोल कौन होगा डांवाडोल अबके चुनाव में’ और ‘कउओं के ज़माने हैं कुछ तो बात तो होगी ही, हंसां पे निशाने हैं कुछ बात तो होगी ही“ जैसी उत्कृष्ट रचनाओं के माध्यम से वर्तमान की राजनीतिक परिस्थिति का चित्र उकेरा, जिसे श्रोताओं का भरपूर प्यार मिला। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही वरिष्ठ कवयित्री रमा सिंह ने “न पत्थर ही हुए हम मोम भी होना नहीं आता, ये हमको क्या हुआ है क्यों हमें रोना नहीं आता“ सरीखी कई रचनाओं से कार्यक्रम को एक अलग ऊँचाई प्रदान की। कार्यक्रम के दौरान एमएमजी अस्पताल से पूजा सक्सेना, एससीसी हाइट्स (एओए) के वरिष्ठ पदाधिकारियों सहित सोसाइटी के अनेक निवासी श्रोता के रूप में उपस्थित रहे।  

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