जयनगर/मधुबनी, भोजपुरी भाषा के प्रति जागरूक एवं समर्पित अंतरराष्ट्रीय संगठन रसबुनिया, वाराणसी के द्वारा भोजपुरी सम्मेलन/वार्षिकोत्सव सह सम्मान समारोह कार्यक्रम का भव्य आयोजन बनारस के एक निजी होटल के सभागार में किया गया। समारोह में राष्ट्रीय साहित्यकार, शिक्षाविद, गीतकार एवं कलमकारों ने उक्त मंच पर अपनी प्रस्तुति के साथ भोजपुरी को संवैधानिक दर्जा और अश्लीलता दूर करने संबंधी मांग को उठाया। उक्त कार्यक्रम में मिथिलांचल के युवा शिक्षाविद/डी.बी. कॉलेज, जयनगर के सहायक प्रोफेसर डॉ. शैलेश कुमार सिंह को मुख्य अतिथि काशी हिन्दू विश्वविद्यालय वाराणसी के प्रो. प्रभाकर सिंह, विशिष्ट अतिथि निर्गुण सम्राट मदन राय, अध्यक्ष संजय सिंह चंदन, संयोजक राजेश ओझा के द्वारा संयुक्त रूप से अंग वस्त्र एवं प्रतिक चिन्ह प्रदान कर भोजपुरी गौरव सम्मान से सम्मानित किया गया। इस दौरान अतिथिद्वय के द्वारा डॉ. शैलेश की पुस्तक साझा काव्य संग्रह मेरे राम का लोकार्पण भी किया गया। इस अवसर पर डॉ. शैलेश कुमार सिंह ने संयोजक राजेश ओझा एवं आयोजक मंडल के प्रति धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि, इस तरह के अकादमिक/साहित्यिक आयोजन से भोजपुरी भाषा की प्रमुख मांग संवैधानिक दर्जा/आठवीं अनुसूची में शामिल करने का मार्ग प्रशस्त होगा। साथ ही डॉ. सिंह ने कहा कि, मधुबनी के पूर्व सांसद स्व. भोगेंद्र झा ने 1969 में सदन में भोजपुरी को आठवीं अनुसूची में शामिल करने का जो मुद्दा उठाया था, उसे पूरा करने के लिए यूपी-बिहार से लेकर दिल्ली तक लड़ाई लड़ेंगे। समारोह में मुख्य रूप से राष्ट्रीय कवि बिनय राय "बबुरंग", डॉ आनंद प्रकाश, कुमार अजय सिंह (आरा), संतोष ओझा, सूरज सिंह, ओमप्रकाश तिवारी, रामनारायण तिवारी सरिता पाण्डेय, प्रमिला जी, कृति यादव, बृजेश शुक्ला (देवरिया), अशोक तिवारी सहित दर्जनों शिक्षाविद और साहित्यकार उपस्थित रहे।
सोमवार, 27 मई 2024
मधुबनी : डॉ. शैलेश कुमार सिंह भोजपुरी गौरव सम्मान से हुए सम्मानित
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