- चुनाव आयोग बना कठपुतली, देश की जनता देगी जवाब
गुजरात में 2002 से हर विधानसभा चुनाव में मोदी लगातार पाकिस्तान का मुद्दा उठाते रहे हैं. जब भाजपा को 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार की जेडीयू के समर्थन के बिना चुनाव लड़ना पड़ा था, तो अमित शाह ने पाकिस्तान का मुद्दा उठाकर बिहार के लोगों को डराने की कोशिश की थी. पर इससे पहले मोदी और भाजपा के जरिए मुसलमानों का इस कदर हौवा खड़ा कर आम हिंदू भाइयों को अपनी संपत्ति और आरक्षण को मुसलमानों के हाथों में जाने से डराने के लिए कभी इस तरह से खुलकर नहीं भड़काया गया था. सीधे प्रधानमंत्री द्वारा अपने भाषणों में लगातार जनसंख्या विस्फोट के जरिए भारत पर कब्जा करने की कोशिश कर रहे घुसपैठिए समुदाय के बतौर मुसलमानों को खलनायक बता निशाना साधना बेहद शर्मनाक और निंदनीय है.
दरअसल, एससी/एसटी/ओबीसी के आरक्षण के खिलाफ खड़ी भाजपा इस समुदाय को मुसलमानों के खिलाफ खड़ा करके आरक्षण के विमर्श को सांप्रदायिक बनाने की पुरजोर कोशिश कर रही है. यह दावा कि ओबीसी का कोटा मुसलमानों को दिया जा रहा है, पूरी तरह से झूठा और दुर्भावनापूर्ण है. भारत में अनेक मुस्लिम जातियों को गुजरात सहित भारत के दस से ज्यादा राज्यों में लंबे समय से ओबीसी सूची में शामिल रखा गया है. उन्हें मुस्लिम के बतौर नहीं, बल्कि उनके व्यवसाय और व्यापक सामाजिक और शैक्षणिक पिछड़ेपन के आधार पर ओबीसी के बतौर मान्यता की वजह से आरक्षण मिलता है. उन्होंने यह भी कहा कि चुनाव आयोग पूरी तरह कठपुतली बना हुआ है. ऐसे जहरीले बयानों पर भी वह भाजपा पर कोई कार्रवाई नहीं कर रही है. देश की जनता सबकुछ देख समझ रही है. बिलकुल साफ दिखाई पड़ रहा है कि इंडिया’ गठबंधन आगे चल रहा है. इससे तानाशाह मोदी सरकार और घबराई हुई है.
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