डॉ. धर्मेंद्र कुमार ने प्रशिक्षण कार्यक्रम के महत्व पर प्रकाश डाला और भारत में कुशल नर्सिंग असिस्टेंट की बढ़ती मांग को पूरा करने में इसकी भूमिका पर ज़ोर दिया। उन्होंने SIDBI फाउंडेशन के समर्थन के लिए आभार व्यक्त किया। संदीप वर्मा ने इस संयुक्त प्रयास की सराहना करते हुए कहा, "यह पहल हमारे स्वास्थ्य सेवा को बढ़ावा देने और लड़कियों को नर्सिंग में एक महत्वपूर्ण करियर बनाने के अवसर प्रदान करने की प्रतिबद्धता का प्रमाण है। हमें विश्वास है कि यह कार्यक्रम न केवल छात्राओं को लाभान्वित करेगी बल्कि समाज में भी महत्वपूर्ण योगदान देगा।" धीरज कुमार ने अपने विचार साझा किए और छात्राओं को स्वास्थ्य सेवा के माध्यम से मानवता की सेवा करने का अधिकतम लाभ उठाने के लिए प्रेरित किया। विशेष अतिथि श्री सौरभ बाजपेयी ने उपस्थित लोगों को प्रेरक शब्दों से प्रेरित किया और उन्हें अपने प्रशिक्षण और भविष्य में नर्सिंग असिस्टेंट की भूमिकाओं के लिए समर्पित रहने का आग्रह किया। नर्सिंग असिस्टेंट प्रशिक्षण कार्यक्रम के बारे में अधिक जानकारी और आवेदन करने के लिए इच्छुक उम्मीदवार RK HIV AIDS रिसर्च एंड केयर सेंटर की वेबसाइट पर जा सकते हैं।
मुंबई (अनिल बेदाग) : मुंबई में आज एक महत्वपूर्ण पहल के तहत मुफ्त नर्सिंग असिस्टेंट छह महीने के प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। यह कार्यक्रम जन सेवा मंडल में आयोजित किया गया और SIDBI फाउंडेशन द्वारा समर्थित है। इस कार्यक्रम को RK HIV AIDS रिसर्च एंड केयर सेंटर द्वारा संचालित किया जा रहा है। कार्यक्रम की शुरुआत एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के साथ हुई जिसमें विशिष्ट अतिथियों ने भाग लिया। SIDBI के सीजीएम और सीईओ, संदीप वर्मा, मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे। प्रसिद्ध निर्माता, निर्देशक और अभिनेता धीरज कुमार भी मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। विशेष अतिथि के रूप में सौरभ बाजपई ने भी इस अवसर की शोभा बढ़ाई। इस अवसर पर श्रीमती वैशाली म्हात्रे, सुनील कनौजिया, महेश मनवानी, प्रमोद रावल, राधेश्याम गुप्ता, अमित दोशी, एम. राठी और सुरेश सोनी भी उपस्थित थे। इनके साथ ही 30 उत्साही नर्सिंग छात्रा और RK HIV टीम ने भी कार्यक्रम में भाग लिया। आरके एचआईवी एड्स रिसर्च एंड केयर सेंटर के अध्यक्ष डॉ धर्मेंद्र कुमार द्वारा अब तक 96 हजार ऑपरेशन का लाभ लोगों को मिला है, 29899 मेडिकल कैम्प का आयोजन किया जा चुका है वहीं एक लाख सर्जरी करवाई गई है और 4.26 करोड़ मरीजों ने लाभ लिया है। 2.8 हजार करोड़ की दवाएं वितरित की गई हैं। 35 लाख लोगों को चश्मे देकर उन्हें रौशनी देने का नेक कार्य किया है। 1.3 लाख लोगों को व्हीलचेयर की सुविधा देकर दिव्यांगों की सहायता की है।
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