- 40 से 45 दिन में हो रही मीटर रीडिंग, व्यवस्था ठीक नही हुई जनहित में करेंगे आंदोलन
- बिजली कंपनी 30 दिन की बजाय 40 से 45 दिन में मीटर रीडिंग लेकर उपभोक्ताओं की कमर तोड़ रही : कांग्रेस जिलाध्यक्ष राजीव गुजराती
बिजली कंपनी 30 दिन की बजाय 40 से 45 दिन में मीटर रीडिंग लेकर उपभोक्ताओं की कमर तोड़ रही है। ऐसे में उपभोक्ता इस बात से आशंकित हैं कि देर से हो रही बिजली रीडिंग से उनका स्लैब बदल जाएगा। वहीं पूर्व निर्धारित स्लैब से बाहर हो जाएंगे। इससे उनको डेढ़ गुना अधिक बिल का भुगतान करना होगा। वही देर से बिल जारी होने का सबसे ज्यादा नुकसान योजना के उपभोक्ताओं का होगा। इनका सौ यूनिट से अधिक स्लैब होने की वजह से योजना का लाभ नहीं मिल सकेगा। प्रदेश शासन द्वारा माह में 100 यूनिट तक की बिजली खपत वाले गरीब बिजली उपभोक्ताओं के लिए जो योजना का लाभ दिया जा रहा था। बिजली कंपनी की मनमानी से अब ऐसे उपभोक्ताओं को योजन का लाभ नहीं मिल सकेगा। क्योंकि देर से रीडिंग होने से उपभोक्ताओं की खपत 100 से बढ़कर 150 यूनिट पर पहुंच जाएगी। इससे उपभोक्ताओं को 100 यूनिट के स्लैब से बाहर हो जाने के कारण योजना के लाभ से वंचित होना पड़ेगा। उनको बढ़े हुए स्लैब के मुताबिक डेढ़ गुनी राशि के बिल का भुगतान करना होगा। इस तरह देर से हो रही बिजली रीडिंग का खामियाजा उपभोक्ताओं को ही भुगतना होगा। 30 दिवस की मीटर रीडिंग अनुसार उभोक्ता गणों के बिल रीवाइज कर स्लैब अनुसार पूर्वानुसार बिजली बिल प्रदान किये जायें अन्यथा कांग्रेस जन हित में विद्युय वितरण कंपनी के खिलाफ आंदोलन करेगी।
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