मधुबनी : जानकी नवमी के अवसर पर लोगों ने लगाया जानकी वटवृक्ष - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शुक्रवार, 17 मई 2024

मधुबनी : जानकी नवमी के अवसर पर लोगों ने लगाया जानकी वटवृक्ष

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राजनगर/मधुबनी, जिले के राजनगर प्रखंड अंतर्गत परिहारपुर ग्रामवासियों ने जानकी नवमी के अवसर पर आज वृक्षारोपण का एक अलग ही नजारा पेश किया। ढोल नगाड़ा  के साथ विद्वान शिक्षक रवींद्र झा, साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित कथाकार ऋषि वशिष्ठ, पंचायत के मुखिया हीराकांत मिश्र, सरपंच रामानन्द झा, लेखक  राधेश्याम झा, पंडित शिवानन्द मिश्र, हरि शंकर झा, बबलू मिश्र, हीरेंद्र झा, भाजपा नेता एवं मानव कल्याण एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के संस्थापक सचिव राजीव झा, अवकाश प्राप्त बीमा पदाधिकारी एवं कथाकार रेवतीरमन झा, प्रसिद्ध रंग कर्मी  रमन जी मिश्रा, प्रसिद्ध उद्घोषक कमलेश कुमार गुड्डू,  डॉक्टर उग्रनाथ झा, विजयकांत कुमार,  शिक्षक बवन झा, राजेंद्र चौरसिया, शिक्षक रामविलास साहू, संजय झा, शीबीपट्टी  के शिक्षक सरोज ठाकुर, रामनंदन पासवान, फूल बाबू पाठक, दिलचंद सदाय, तेलिया देवी ने परिहरपुर एसएसबी कैंप के बगल में कचरा प्रबंधन हाउस के प्रांगण में वटवृक्ष लगाया ।


वृक्ष का नाम जानकी वटवृक्ष रखा गया

इससे पहले परिहारपुर मध्य विद्यालय प्रांगण में जानकी नवमी के अवसर पर माता जानकी के  चित्र पर सभी ने पुष्पांजलि अर्पित किया और वहां से गाजे बाजे के साथ बटवृक्ष को लेकर रास्ते भर  उत्सव मनाते हुए लोगों को साथ करते हुए वृक्षारोपन जुलूस निकाला।  इस अवसर पर विद्वान शिक्षक रवींद्र झा ने बताया कि बटवृक्ष एक ऐसा वृक्ष है जो भारी मात्रा में ऑक्सीजन देता है वहीं भाजपा नेता राजीव झा ने कहा कि यह कार्य पूरे पंचायत में कहीं ना कहीं होना चाहिए इससे बटवृक्षों की संख्या बढ़ेगी और आने वाले समय में जिस प्रकार से धरती गर्म हो रही है सूर्य की रोशनी तेज हो रही है बटवृक्षों की संख्या बढ़ेगी तो ऑक्सीजन उत्सर्जन अधिक से अधिक होगा और लोगों को छाया के साथ-साथ शुद्ध हवा भी मिलेगा। इस क्रम में पंडित शिवानंद मिश्रा के द्वारा मंगलाचरण वेदों चरण के साथ प्रसाद चढ़कर वटवृक्ष का पूजा किया गया वहीं सदाय समाज से आने वाली महिला बहन तिलिया देवी ने धूप अगरबत्ती जलाकर वृक्ष का पूजा किया और आगंतुक सभी ग्रामीणों के द्वारा उस वृक्ष को तिलिया देवी को गोद के रूप में दे दिया गया और तिलिया देवी उस वृक्ष को अपने गोद में लेते हुए बताई जिस प्रकार हम पुत्र और पुत्री का सेवा करते हैं उसी प्रकार इस वृक्ष का भी सेवा करेंगे और इससे जवान करेंगे वही ऋषि वशिष्ठ ने बताया की जो समाज अपने संस्कृति और धर्म से कट गया उस समाज का ना कोई स्थान होता है ना कोई सम्मान न कोई अस्तित्व होता है इसलिए आज जानकी नवमी के अवसर पर इस पुनीत कार्यक्रम को करने का जो निर्णय लिया गया वह अपने आप में ऐतिहासिक है मुखीया .हीराकांत मीश्र ने  सभी का धन्यवाद करते हूए जानकी वृक्ष लिखकर एक शिलापट लगाने का घोषणा किया।

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