- दो दिवसीय यात्रा के दौरान वाराणसी में आध्यात्मिक ज्ञान और विकास पर चर्चा का संगम दिखेगा
- अलग-अलग कार्यक्रमों के दौरान विकसित भारत के अंबेसडर से वह मुलाकात करेंगे : हितेश जैन
हितेश जैन ने बताया कि श्री श्री रविशंकर अभिनेता विक्रांत मैसी के साथ एक विशेष चर्चा के लिए उपलब्ध होंगे. जिसमें कई और विषयों के साथ-साथ आज के युवा के लिए महत्वपूर्ण विषयों जैसे विकसित भारत, आध्यात्मिकता, मानसिक और शारीरिक कल्याण विपरीत परिस्थितियों में सहनशक्ति, मतदान का महत्व और दूसरी के बीच में जिम्मेदार नागरिकता के सार पर प्रकाश डाला जाएगा. इसके अलावा वह दशाश्वमेध घाट पर गंगा आरती में भाग लेंगे और दीपोत्सव उत्सव में शामिल होंगे, जो उनकी यात्रा की एक जीवंत शुरुआत होगी. हितेश जैन ने बताया कि 4 मई को रविशंकर अपने दिन की शुरुआत काशी विश्वनाथ मंदिर के दर्शन के साथ करेंगे. उसके बाद ललिता घाट तक एक शांत नाव की सवारी और काशी विश्वनाथ कॉरिडोर की सैर करेंगे. इस आध्यात्मिक यात्रा के बाद, वह सुबह 10 से 11 बजे तक त्र्यंबकेश्वर हॉल, काशी विश्वनाथ मंदिर में 300 से अधिक महिलाओं की एक सभा को संबोधित करेंगे. यहां, वह महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास, सशक्तिकरण, और आध्यात्मिकता के अलावा व्यवसायिक और घरेलू जिम्मेदारियों के बीच नाजुक संतुलन के सार पर चर्चा करेंगे.
हितेश जैन ने बताया कि श्रीश्री रविशंकर शाम 4 बजे से 6 बजे तक रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर में प्रमुख उद्यमियों, उद्योगपतियों, वकीलों, चार्टर्ड अकाउंटेंट, डॉक्टर, कलाकारों और पदद्म पुरस्कार विजेताओं सहित शहर की 1200 से अधिक प्रमुख हस्तियों के साथ बातचीत करेंगे. इस कार्यक्रम के दौरान, गुरुदेव खुशी, मानसिक कल्याण और आध्यात्मिकता से संबंधित विषयों पर चर्चा करेंगे और राष्ट्रीय विकास में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर देंगे. रविशंकर की दो दिवसीय वाराणसी यात्रा के दौरान ये तीसरा कार्यक्रम होगा. दो दिवसीय यात्रा के अंतिम कार्यक्रम का शीर्षक ’एन इवनिंग ऑफ म्यूजिक एंड मैडिटेशन विथ विकसित भारत एंबेसडर’ है. ये कार्यक्रम संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के मैदान में शाम 5 से 8 बजे तक आयोजित किया जाएगा. इस कार्यक्रम में 10 हजार से अधिक लोग उपस्थित होंगे, जिनमें विक्रांत मैसी, गुरदास मान और अनुराधा पौडवाल जैसी मशहूर हस्तियां और प्रसिद्ध गायक शामिल होंगे. इस दौरान श्रीश्री रविशंकर दर्शकों के साथ जुडे़ंगे. विकसित भारत और आध्यात्मिकता के दृष्टिकोण पर प्रकाश डालेंगे और ध्यान पर एक सत्र का नेतृत्व करेंगे. उपस्थित लोगों के मन को झकझोर देने वाली धुनें और निर्देशित ध्यान सत्र सुनाए जाएंगे, जिससे शांति और आत्मनिरीक्षण का माहौल बनेगा.
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