मधुबनी : सरकारी अस्पताल में पर्ची कटाने के लिए मरीजों को नहीं करना होगा इंतजार - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शुक्रवार, 24 मई 2024

मधुबनी : सरकारी अस्पताल में पर्ची कटाने के लिए मरीजों को नहीं करना होगा इंतजार

  • क्यूआर कोड स्कैन करते ही मरीजों का हो जाएगा निबंधन 
  • अब तक 13000 से अधिक मरीजों ने कराया ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन

Sadar-hospital-madhubani
मधुबनी, स्वास्थ्य विभाग द्वारा मरीजों पर बेहतर सुविधा उपलब्ध कराने के लिए स्वास्थ्य विभाग क्यूआर कोड स्कैन एंड शेयर के माध्यम से ओपीडी का रजिस्ट्रेशन किया जा रहा है। यह सुविधा सदर अस्पताल सहित सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर उपलब्ध कराया गया है। इस बाबत मधुबनी जिला सिविल सर्जन डॉक्टर नरेश कुमार भीमसारिया ने बताया एबीडीएम योजना के तहत (डीएचआईएस डिजिटल हेल्थ इंस्टेंसिव स्कीम) के तहत मरीजों का निबंध किया जा रहा है। क्यूआर कोड जारी होने से अब मरीजों को रजिस्ट्रेशन काउंटर पर पर्ची के लिए लंबी लंबी लाइनों में घंटों इंतजार नहीं करना पड़ेगा। अब मरीज अस्पताल में लगे क्यूआर कोड को स्कैन कर सीधे संबंधित डॉक्टर से आसानी से दिखा सकते हैं।


13000 से अधिक मरीजों ने कराया ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन :

जिला अनुश्रवन एवं मूल्यांकन पदाधिकारी सुनील कुमार ने बताया 9 जून 2023 से अब तक 13,408 मरीज ने ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराया, जिसमें सिर्फ मई में अब तक 9 हजार से अधिक मरीजों ने रजिस्ट्रेशन कराया है। रजिस्ट्रेशन को बढ़ावा देने के लिए स्वास्थ्य विभाग के द्वारा प्रति मरीज पंजीयन पर 20 रूपये रोगी कल्याण समिति के खाते में दिए जाते हैं, जिससे अस्पताल के उन्नयन में खर्च किया जा सकता है।


ऑनलाइन पर्चा बनवाने से समय की होगी बचत :

पीरामल फाउंडेशन के जिला समन्वयक  जयशंकर प्रसाद ने बताया अस्पताल में आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के तहत आभा एप्प के माध्यम से पर्चा बनना शुरू हो गया है, जिसके तहत कई मरीजों द्वारा अभी तक क्यूआर कोड को स्कैन करके पर्चा बनाने शुरु कर दिए हैं। बता दें कि सदर अस्पताल में रोजाना करीब 600 से लेकर 1200 तक मरीज विशेषज्ञ चिकित्सक के पास अपना इलाज कराने कराने आते हैं और ओपीडी पर्ची बनवाने के लिए महिलाओं व पुरुषों के लिए अलग-अलग काउंटर हैं। सुबह से लेकर दोपहर तक पर्चे बनाए जाते हैं, लेकिन लोगों को क्यूआर कोड स्कैन की जागरूकता के अभाव में पर्चा बनवाने के लिए काफी देर तक लाइन में खड़ा रहना पड़ता है। यदि मरीज व तीमारदार आभा एप्प के जरिए क्यूआर कोड स्कैन करे, तो पर्चा बनवाने में उनका समय भी बचेगा और लाइन में ज्यादा देर खड़ा नहीं होना पड़ेगा। 


अस्पताल के ओपीडी में चस्पाया गया है क्यूआर कोड :

अस्पताल प्रशासन ने अस्पताल के ओपीडी में क्यूआर कोड भी चस्पा दिए हैं.क्यूआर कोड स्कैन एवं शेयर की ओपीडी रजिस्ट्रेशन कक्ष का नोडल पदाधिकारी अनुश्रवण एवं मूल्यांकन पदाधिकारी सुनील कुमार को बनाया गया है। ओपीडी काउंटर के पास स्थापित काउंटर से अस्पताल में आने वाले मरीजों के आभा एप्प के जरिए स्कैन कर किए गए रजिस्ट्रेशन के टोकन के अनुसार पर्चे देंगे, साथ ही क्यूआर कोड की सुविधा की जानकारी अस्पताल में आने वाले मरीजों को देंगे। वहीं क्यूआर कोड से स्कैन कर ओपीडी पर्चे को आधे घंटे के अंदर क्यूआर कोड स्कैन रजिस्ट्रेशन काउंटर से लेना होगा। इस बाबत सिविल सर्जन ने बताया कि आज के दौर में हर किसी के लिए समय बहुमूल्य है। इसलिए समय से कार्य हो जाना बहुत जरूरी है। इसी को ध्यान मे रखते हुए राज्य स्वास्थ्य समिति के निर्देश पर यह व्यवस्था अस्पताल ने शुरू की है।


आभा पंजीकरण के लिए ये है जरूरी चीजें :

-एंड्राइड मोबाइल फोन होना जरूरी,मोबाइल में इंटरनेट सेवा होनी जरूरी

-क्यूआर कोड आभा एप, आरोग्य सेतु एप से भी कर सकते हैं स्कैन

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