‘वोट जिहाद’ के लिए तृणमूल ने छीने ओबीसी के अधिकार: प्रधानमंत्री मोदी - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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मंगलवार, 28 मई 2024

‘वोट जिहाद’ के लिए तृणमूल ने छीने ओबीसी के अधिकार: प्रधानमंत्री मोदी

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बारासात (पश्चिम बंगाल), 28 मई, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को पश्चिम बंगाल की तृणमूल कांग्रेस सरकार पर तुष्टीकरण की राजनीति करने और ‘वोट जिहाद’ को बढ़ावा देने के लिए अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के युवाओं के अधिकार छीनने का आरोप लगाया। बारासात में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए मोदी ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का नाम लिए बिना कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों पर सवाल उठाने के लिए उनकी आलोचना की और आश्चर्य जताते हुए कहा कि क्या तृणमूल कांग्रेस प्रतिकूल फैसलों के बाद अब न्यायधीशों के पीछे भी ‘अपने गुंडे’ छोड़ देगी? उन्होंने कहा, ‘‘बंगाल में तृणमूल ने ओबीसी को जो धोखा दिया, उसकी पोल अदालत ने खोल दी है। कलकत्ता उच्च न्यायालय ने कहा है कि 77 मुसलमान जातियों को ओबीसी घोषित करना गैर-कानूनी और असंवैधानिक है। यानी तृणमूल ने लाखों ओबीसी नौजवानों का हक रातों-रात वोट जिहाद वालों की मदद के लिए लूट लिया। तृणमूल ने राज्य के ओबीसी समुदाय को धोखा दिया है।’’ उन्होंने कहा कि इस फैसले के बाद राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी की मुख्यमंत्री का रवैया हैरान करने वाला था। उन्होंने कहा, ‘‘यहां के न्यायाधीशों की नीयत पर और हमारी न्याय व्यवस्था पर सवाल उठाए जा रहे हैं। मैं तृणमूल वालों से पूछना चाहता हूं कि अब न्यायाधीशों के पीछे भी अपने गुंडे छोड़ दोगे क्या? पूरा देश देख रहा है कि कैसे तृणमूल बंगाल में न्यायपालिका का गला घोंट रही है।’’ कलकत्ता उच्च न्यायालय ने पिछले हफ्ते पश्चिम बंगाल में 2010 में कई वर्गों को दिया गया अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) का दर्जा रद्द कर दिया था और राज्य में सेवाओं व पदों पर रिक्तियों में इस तरह के आरक्षण को अवैध करार दिया। बनर्जी ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि वह राज्य में कई वर्गों के अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के दर्जे को रद्द करने वाले कलकत्ता उच्च न्यायालय के फैसले को ‘स्वीकार नहीं करेंगी’। बनर्जी ने कहा था कि वह फैसले को स्वीकार नहीं करेंगी और उन्होंने इसे भाजपा के प्रभाव में दिया गया फैसला करार दिया। भ्रष्टाचार से लड़ने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘न खाऊंगा, न खाने दूंगा’ के अपने संकल्प के बाद उनकी नई गारंटी है कि ‘जिसने खाया है, उससे बाहर निकालूंगा और जिसका खाया है, उसको लौटाऊंगा’। प्रधानमंत्री ने रामकृष्ण मिशन और भारत सेवाश्रम संघ के कुछ संन्यासियों के खिलाफ बनर्जी की हालिया टिप्पणियों पर भी रोष जताया और आरोप लगाया कि तृणमूल कांग्रेस के वोट बैंक के तुष्टीकरण के लिए इन सामाजिक-धार्मिक संगठनों को धमकाया जा रहा है। मोदी ने कहा, ‘‘तृणमूल से सच बर्दाश्त नहीं होता। जो कोई भी तृणमूल के गुनाह सामने लाता है, वह उनको निशाना बनाती है। आपने भी देखा है कि तृणमूल कांग्रेस के विधायक ने साफ-साफ कहा कि हिंदुओं को भागीरथी में बहा देंगे। इस पर बंगाल के संतों ने तृणमूल को गलती सुधारने के लिए कहा। लेकिन उसने हमारे संत समाज को ही गालियां देनी शुरु कर दी।’’ मोदी ने कहा कि रामकृष्ण मिशन और भारत सेवाश्रम संघ दुनिया भर में सेवा और नैतिकता के लिए जाने जाते हैं, लेकिन तृणमूल कांग्रेस उन्हें खुलेआम धमकी दे रही है, उन्हें खुले मंच से चेतावनी दे रही है। उन्होंने तृणमूल कांग्रेस समेत ‘इंडिया’ गठबंधन के घटक दलों पर निशाना साधा और कहा कि इस तरह के कार्यों में लिप्त लोगों को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने कहा, ‘‘जब आपने मुझे अवसर दिया था, तो मैंने पूरे देश को गारंटी दी थी कि न खाऊंगा और न खाने दूंगा। अब मोदी देश को और विशेषकर पश्चिम बंगाल को एक और बड़ी गारंटी दे रहा है - जिसने खाया है, उससे बाहर निकालूंगा और जिसका खाया है, उसको लौटाऊंगा। तृणमूल नेताओं के पास से नोटों के जो पहाड़ निकले हैं, उस पैसे का हिसाब होगा।’’ प्रधानमंत्री ने संदेशखालि मामले को लेकर तृणमूल कांग्रेस की आलोचना करते हुए कहा कि उसने दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने से परहेज किया और अब अत्याचार झेलने वाली महिलाओं पर उंगली उठा रही है। उन्होंने कहा, ‘‘जब संदेशखालि की बहनों ने न्याय की मांग की तो टीएमसी ने उन्हें निशाना बनाया। मैं बशीरहाट से भाजपा प्रत्याशी अपनी बहन रेखा पात्रा के साहस और बहादुरी की सराहना करता हूं। वह तृणमूल जैसी ताकत के खिलाफ लड़ रही हैं। देश और प्रदेश की महिलाएं उनके साथ हैं।’’ मोदी की टिप्पणी संदेशखालि की महिलाओं के कई कथित वीडियो के सार्वजनिक रूप से प्रसारित होने के बीच आई है, जिसमें दावा किया गया है कि भाजपा के एक स्थानीय नेता ने उन महिलाओं से सादे कागज पर हस्ताक्षर करवाए थे, जिन्हें बाद में यौन उत्पीड़न की शिकायतों के रूप में भर दिया गया था। हालांकि, प्रधानमंत्री ने सीधे तौर पर उन वीडियो का जिक्र नहीं किया। पीटीआई स्वतंत्र रूप से इन वीडियो की प्रामाणिकता की पुष्टि नहीं कर सकी। इन वीडियो के सामने आने के बाद प्रदेश में राजनीतिक सरगर्मी बहुत तेज हो गई थी। प्रधानमंत्री ने वोट बैंक की राजनीति के चलते बंगाल में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) का विरोध करने के लिए भी तृणमूल कांग्रेस की आलोचना की। उन्होंने कहा, ‘‘तुष्टीकरण की राजनीति के कारण तृणमूल कांग्रेस सीएए के खिलाफ अफवाह फैला रही है। लेकिन, आज पूरा देश सैकड़ों शरणार्थियों को नागरिकता मिलने का गवाह है। किसी से कुछ भी नहीं छीना गया है, बल्कि उन्हें भारत माता के बेटे-बेटियों के रूप में सम्मान दिया जा रहा है।’’ बंगाल के मतुआ समुदाय को संदेश देने का प्रयास करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘अब, दुनिया की कोई भी ताकत आपको भारतीय नागरिकता प्राप्त करने से नहीं रोक सकती।’’ मतुआ समुदाय के सीएए से सबसे अधिक लाभान्वित होने की उम्मीद है। जादवपुर लोकसभा क्षेत्र के तहत बारुईपुर में एक अन्य रैली को संबोधित करते हुए मोदी ने तृणमूल कांग्रेस सरकार पर तंज कसते हुए दावा किया कि इसका सुशासन से दूर-दूर तक कोई नाता नहीं है, क्योंकि वह सिर्फ वोट बैंक के लिए काम करती है। उन्होंने बंगाल की सत्तारूढ़ पार्टी पर एक भ्रष्ट पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देने का भी आरोप लगाते हुए जनता से उसे सबक सिखाने की अपील की। उन्होंने कहा, ‘‘तृणमूल कांग्रेस और सुशासन का दूर-दूर तक कोई नाता नहीं है। बंगाल में सुशासन, दूरबीन से खोजने पर भी नहीं मिलता। तृणमूल केवल अपने वोट बैंक के लिए काम करती है और राज्य के युवाओं के लिए कभी कुछ नहीं कर सकती। पार्टी के पास कोई दृष्टि नहीं है।’’ प्रधानमंत्री ने दावा किया कि तृणमूल कांग्रेस और वाम दलों को वोट देना एक जैसा है, क्योंकि दोनों वोट बैंक की राजनीति में लिप्त हैं। उन्होंने कहा, ‘‘वे अपने अलोकतांत्रिक तरीकों और लोकतांत्रिक प्रक्रिया की अवहेलना के लिए जाने जाते हैं।’’

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