- प्रभू की शरण में जाने वाले को नही मिलता है नर्क, परमात्मा ने राक्षसी पूतना को भी भेज दिया था वैकुंठ : रविशंकर तिवारी
भागवत भूषण पं रविशंकर तिवारी ने कहा कि जो श्रोता को पलभर में हसां दे,पलभर में रूला दे और जो पलभर में नचा दे वह भागवत कथा है उन्होने राम के नाम की महीमा बताते हुए कहा कि नारदजी के कहने पर जब सुमंत ने सभा में उपस्थित ऋषि विश्वामित्र के चरण स्पर्श नहीं किए तो विश्वामित्र आका्रेशित हो गए, विश्वामित्र श्रीरामजी के महल में पहुंचे और सुमंत के द्वारा भरी सभा में उनका अपमान करने की बात कहीं तब भगवान श्रीराम ने सूरज डूबने से पहले सुमंत का वध करने का वचन विश्वामित्र को दे दिया, यह बात सुमंत को बता चली तो वह नारदजी के कहने पर माता अंजनी की कुटिया में प्राण बचाने के लिए मदद मांगने पहुंच गए, माता अंजनी के आदेश पर हनुमानजी ने सुमंत की रक्षा करने का वचन दे दिया, हनुमान जी अब श्रीराम से सुमंत को बचाने के लिए युद्ध कैसे करें वह दुविधा में पड़ गए तब उन्होने कहा की पर्वत की गुफा में बैंठकर श्रीराम नाम का जाप करों लेकिन डर के कारण सुमंत मरा मरा जपने लगे और जब भगवान श्रीराम ने सुमंत को मारने के लिए बाण चलाया तो सुमंत की सुरक्षा के लिए राम राम का घेरा बन गया और बाण निष्फल हो गए तब नारदजी ने कहा कि राम से भी बड़ा नाम का नाम है सभी को राम का नाम भजना चाहिए। नृसिंह जयंती महोत्वस के अंतर्गत हो रही सात दिवसीय श्रीमद भागवत कथा में रविवार को श्रद्धालुओं के द्वारा पंडित हरीश तिवारी के सानिध्य में गोवर्धन जी की विधिवत पूजा अर्चना की गई। बाल गोपालों के द्वारा माखन मिश्री से भरी मटकियां को फोड़ा गया श्रीकृ ष्ण के द्वारा माखन चोरी और पदमावती प्रसंग सुनाया गया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में श्रद्धालुजन सम्मिलित हुए।
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