- जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती सहित कई अन्य क्रांतिकारी परिवारों की उपस्थिति में होगा हनुमान चालीसा और सुंदरकांड का पाठ
गोपाल शर्मा ने कहा कि वाराणसी हर कालखंड में राष्ट्र जागरण का केंद्र रहा है। विश्व की सांस्कृतिक राजधानी के रूप में इस नगरी ने हमेशा धर्मनिष्ठा और सामाजिक सौहार्द की प्रेरणा दी है। शर्मा ने विश्वास जताया कि यह आयोजन राष्ट्र की उन्नति और सामाजिक समरसता को बढ़ावा देने वाली अभूतपूर्व पहल के रूप में अविस्मरणीय रहेगा। इस अवसर पर श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास के अध्यक्ष प्रो. नागेंद्र पांडेय ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि बाबा विश्वनाथ की नगरी में कार्यक्रम होना ही उसकी सफलता की गारंटी है। मां गंगा के तट पर होने जा रहे इस आयोजन के लिए समस्त काशी वासी पूरी तरह साथ हैं। सर्व समाज काशी की आयोजन समिति से जुड़े वाराणसी व्यापार मंडल के अध्यक्ष अजीत सिंह बग्गा ने कहा कि शहर के व्यावसायिक संगठन इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए एकजुट हैं। श्री हनुमान सेना के अध्यक्ष सुधीर सिंह ठाकुर ने कहा कि हनुमान जी कलियुग के जाग्रत देवता हैं। उनकी कृपा से वाराणसी मतदान का नया कीर्तिमान रचेगा। राजस्थान ब्राह्मण मंडल के मंत्री पं. वेदमूर्ति शास्त्री ने कहा कि सर्व समाज की भागीदारी के कारण यह आयोजन अभूतपूर्व है और यह राष्ट्रीय स्तर पर चर्चित होगा।
पत्रकार से विधायक बने गोपाल शर्मा
गोपाल शर्मा मूलतः पत्रकार हैं और उनकी शिक्षा वाराणसी में हुई है। 1980 के दशक में वे वाराणसी की छात्र राजनीति में काफी सक्रिय रहे। इसी दौरान उनका राजस्थान के वरिष्ठ राजनेता भैरोसिंह शेखावत से गहरा संपर्क स्थापित हुआ। शेखावत की प्रेरणा से ही वे राजस्थान में पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हुए। रामजन्मभूमि मुक्ति आंदोलन की विस्तृत कवरेज से उनकी राष्ट्रीय स्तर पर खास पहचान बनी। रामरथ यात्रा, एकता यात्रा, जनादेश यात्रा की संपूर्ण कवरेज करने वाले वे एकमात्र पत्रकार हैं। 6 दिसंबर, 1992 को अयोध्या में विवादित ढांचा ध्वस्त होने के प्रत्यक्षदर्शी रहे शर्मा की पुस्तक “कारसेवा से कारसेवा तक“ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चर्चित हुई। 2023 के राजस्थान विधानसभा चुनाव में उन्हें भारतीय जनता पार्टी ने सिविल लाइंस सीट से प्रत्याशी बनाया और वे कांग्रेस के कद्दावर नेता प्रताप सिंह खाचरियावास को हराकर विधायक बने।
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