गाजियाबाद : मेवाड़ में वीर सावरकर जयंती समारोहपूर्वक मनाई गई - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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मंगलवार, 28 मई 2024

गाजियाबाद : मेवाड़ में वीर सावरकर जयंती समारोहपूर्वक मनाई गई

  • कायरतापूर्ण जीवन जीना रोजाना मरने के समान : डॉ.गदिया

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गाजियाबाद। मेवाड़ ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस में आयोजित वीर सावरकर जयंती समारोह में देशभक्तिपूर्ण कविताओं,  व सम्भाषणों ने खूब समां बांधा। विद्यार्थियों ने वीर सावरकर के जीवन पर आधारित अनेक रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत किए। इंस्टीटृयूशंस के चेयरमैन डॉ.अशोक कुमार गदिया ने कहा कि हम रोजाना मौत से डरना बंद करें। मृत्यु पर विजय पाना सीखें। कायरता का जीवन त्यागकर देश व समाज को आगे बढ़ाने की बात करें। तभी हम सच्चे अर्थों में वीर सावरकर की जयंती मनाने में सफल हो पाएंगे।


डॉ.गदिया ने अपने सम्बोधन में कहा कि युवाओं को आज नौकरियां मिलें, यह तो जिंदगी का एक सफल मकसद हो सकता है मगर देश और समाज के लिए युवाओं को प्रेरित कर सकें, यह एक शिक्षक का काम है। मेवाड़ ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस इसी भावना को मिशन के रूप में लेकर निरंतर कार्यरत है। उन्होंने कहा कि वीर सावरकर मुस्लिम विरोधी कतई नहीं थे। वह 200 सबजातियों में बंटी हिन्दू संस्कृति के खिलाफ थे। इस संस्कृति को संगठित करना ही उनका मकसद था। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने सीएए के जरिये सावरकर के अधूरे सपने के एकांश को पूरा करने में सफलता अर्जित की है। उन्होंने आगे कहा कि अपनी समस्या खुद ही हल करनी होगी। मेवाड़ में भी एक इंडिया हाउस है, जिसमें महापुरुषों की जयंतियों के अलावा देश व समाज को आगे बढ़ाने वाले कार्यों को करना अपना नैतिक कर्तव्य समझा जाता है। डॉ.गदिया ने वीर सावरकर के जीवन के अनेक संदर्भों को शब्दचित्र के जरिये रेखांकित किया। समारोह में इंस्टीट्यूशंस की निदेशिका डॉ.अलका अग्रवाल ने कहा कि यातनाएं सहने से कभी नहीं डरना चाहिए। यातनाएं सहने वाला लम्बी आयु जीता है। वीर सावरकर का जीवन इसका एक सशक्त उदाहरण है। उन्होंने एक रोचक संदर्भ से इस बात की पुष्टि की। उन्होंने विचार, व्यवहार और बुद्धि पर भी सारगर्भित बातें कहीं। इससे पूर्व मेवाड़ के चेयरमैन डॉ.गदिया व निदेशिका डॉ. अलका अग्रवाल वीर सावरकर, शारदा मां व भारत माता के चित्र के समक्ष दीप जलाया और पुष्प अर्पित कर अपनी भावांजलि दी। समारोह में मणि, आयुषी, खुशी झा, शिखा, कनिष्का आदि विद्यार्थियों ने सम्भाषणों और कविताओं से कार्यक्रम में चार चांद लगाए। स्लोगन के माध्यम से वीर सावरकर के आदर्शों को चित्रित किया। समारोह का सफल संचालन जयवीर सिंह आर्य ने किया। इस अवसर पर मेवाड़ ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशसं का समस्त स्टाफ मौजूद रहा। 

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