कप्तान के तौर पर यह श्रेयस अय्यर का दूसरा फाइनल था, उन्होंने तीन गेंद में नाबाद 06 रन बनाये। केकेआर की जीत के नायक रहे उसके गेंदबाज जिसमें मिचेल स्टार्क नीलामी में मिली रिकॉर्ड राशि को सही साबित करते हुए तीन ओवर में 14 रन देकर दो विकेट चटकाये। आंद्रे रसेल ने मध्य के ओवरों में शिकंजा कसा और 2.3 ओवर में 19 रन देकर तीन विकेट झटके। हर्षित राणा ने चार ओवर में एक मेडन से 24 रन देकर दो विकेट हासिल किये। केकेआर की शानदार गेंदबाजी के सामने सनराइजर्स हैदराबाद का कोई भी बल्लेबाज टिककर नहीं खेल सका। सनराइजर्स हैदराबाद की शुरूआत काफी खराब रही, उसने पहले दो ओवरों में अपने सलामी बल्लेबाजों अभिषेक शर्मा (02) और ट्रेविस हेड (शून्य) के विकेट गंवा दिये जिससे स्कोर दो ओवर में दो विकेट पर छह रन था। लीग चरण की निराशा के सही समय पर वापसी करने वाले स्टार्क ने आसमान पर छाये बादलों की परिस्थितियों का पूरा फायदा उठाया। स्टार्क ने पहले ही ओवर में शानदार गुड लेंथ गेंद पर अभिषेक के ऑफ स्टंप उखाड़ दिये जबकि अगले ओवर में वैभव अरोड़ा की गेंद पर हेड के बल्ले का किनारा लेकर विकेटकीपर रहमानुल्लाह गुरबाज के हाथों में समां गयी। हेड पिछले चार मैचों में तीन बार शून्य पर आउट हुए हैं। राहुल त्रिपाठी (09) भी स्टार्क की गेंद पर रमनदीप सिंह को कैच देकर पवेलियन लौट गये। पावरप्ले खत्म होने तक सनराइजर्स हैदराबाद का स्कोर तीन विकेट पर 40 रन था।
स्टार्क ने 24.45 करोड़ रुपये में खरीदा गया था और उनके पहले स्पैल (3-0-14-2) से उनकी इस कीमत की भरपायी भी हो गयी। हर्षित राणा ने नितीश रेड्डी (13) और रसेल ने एडेन मार्कराम (20) के विकेट झटके। हेनरिक क्लासेन (17 गेंद, 16 रन) को राणा ने आउट किया जिनसे सनराइजर्स हैदराबाद को थोड़े आक्रामक खेलने की उम्मीद थी। इसके बाद सनराइजर्स हैदराबाद की 2016 के बाद दूसरा खिताब जीतने की उम्मीद टूट गयी। सनराइजर्स हैदराबाद ने 62 रन पर पांच विकेट गंवा दिये थे। इसके बाद कोई उम्मीद नहीं बची थी और कप्तान पैट कमिंस ने 24 रन बनाकर टीम के शीर्ष स्कोरर रहे।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें