प्रश्न : इस नई स्कॉलरशिप योजना का लाभ लेने के लिए क्या करना होगा?
डॉ. गदिया : इस स्कीम का फायदा उठाने के लिए छात्रों को मेवाड़ यूनिवर्सिटी की वेबसाइट डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू डॉट मेवाड़ यूनिवर्सिटी डॉट ओआरजी पर अपना रजिस्ट्रेशन कराना होगा। रजिस्ट्रेशन की अंतिम तिथि 30 जून निर्धारित की गई है।
प्रश्न : स्कॉलरशिप का लाभ किस-किसको कैसे मिलेगा?
डॉ. गदिया : यह स्कॉलरशिप जवाहर नवोदय विद्यालय, केंद्रीय विद्यालय, विद्याभारती, डीएवी स्कूल और दूसरे बोर्ड के स्कूलों में 12वीं पास विद्यार्थियों को मिलेगी। इसमें ट्यूशन फीस का 50 प्रतिशत (पंजीकरण शुल्क, परीक्षा शुल्क) और छात्रावास शुल्क का 50 प्रतिशत (मेस समेत) यूनिवर्सिटी वहन करेगी। शेष 50 प्रतिशत फीस मोतीलाल ओसवाल फाउंडेशन की ओर से विद्यार्थियों को प्रदान की जाएगी। इस स्कॉलरशिप का फायदा उठाने के लिए जवाहर नवोदय विद्यालय, केंद्रीय विद्यालय, डीएवी, विद्या भारती में पढ़ाई करने वाले 12वीं पास विद्यार्थियों को 80 प्रतिशत या उससे अधिक जबकि अन्य स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों के 85 प्रतिशत या उससे अधिक अंक होना अनिवार्य है। इसके अलावा 12वीं पास उन्हीं विद्यार्थियों को शामिल किया जाएगा जो आर्थिक रुप से कमजोर वर्ग के तबके से आते हैं। संबंधित विद्यार्थियों को डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट द्वारा पारित ईडब्ल्यूएस सर्टिफिकेट रजिस्ट्रेशन के समय जमा करना होगा। विद्यार्थियों को ऑनलाइन एंट्रेस एग्जाम पास करना होगा, जिसमें मिले अंक और पर्सनल इंटरव्यू के आधार पर उनका चयन होगा। यह स्कॉलरशिप स्कीम बीटेक, बीबीए-एमबीए (एकीकृत), बीएचएम, बीफॉर्मा, बीएससी (एग्रीकल्चर), बीएमएलटी, बीआरआईटी, बीओटीटी, बीओटी, बीपीटीए बीए-एलएलबी, बीबीए-एलएलबी आदि पाठ्यक्रमों के लिए मान्य होगी।
प्रश्न : स्कॉलरशिप लाने का मकसद क्या है?
डॉ. गदिया : इस योजना के तहत ग्रामीण भारत के 3500 से अधिक विद्यालयों और 4 लाख से अधिक स्टूडेंट्स तक पहुंचने की योजना है, जिनमें से 100 ऐसे विद्यार्थियों जो किसी सरकारी स्कॉलरशिप का लाभ नहीं उठा सकते, को प्रवेश देने का लक्ष्य निर्धारित है। जानकारी के मुताबिक इस स्कॉलरशिप में चयनित विद्यार्थी किसी अन्य केंद्रीय, राज्य सरकार, विश्वविद्यालय या किसी अन्य स्कॉलरशिप का लाभ उठाने के लिए पात्र नहीं होगा।
प्रश्न : ऐसी स्कॉलरशिप लाने की जरूरत क्यों पड़ी?
डॉ. गदिया : ग्रामीण परिवेश में समाज के निचले तबके का एक वर्ग ऐसा है जो शिक्षित नहीं होने के कारण देश के विकास की मुख्यधारा से छूट जाता है। इसलिए मेवाड़ विश्वविद्यालय अपनी स्थापना के समय से ही ध्येय वाक्य “पुअर टू पुअरस्ट और रीच्ड टू अनरीच्ड” तक पहुंच बनाकर वंचितों को शिक्षा से जोड़ने के लिए निरंतर प्रयासरत है और आगे भी यह प्रक्रिया अनवरत् जारी रहेगी।
प्रश्न : मेवाड़ यूनिवर्सिटी में कितने विद्यार्थी पढ़ाई कर रहे हैं? वे किस राज्य और जाति विशेष से हैं?
डॉ. गदिया : मेवाड़ यूनिवर्सिटी में 29 राज्यों और 20 देशों से लगभग दस हजार विद्यार्थी पढ़ाई करते हैं। 75 प्रतिशत से अधिक विद्यार्थी एससी, एसटी, ओबीसी और अल्पसंख्यक श्रेणी के अंतर्गत आते हैं जोकि खासतौर से दूरदराज क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करते हैं। वहीं 90 प्रतिशत ऐसे विद्यार्थी हैं जो ग्रामीण क्षेत्रों के गरीब तबके से ताल्लुक रखते हैं।
प्रश्न : मेवाड़ यूनिवर्सिटी का संक्षिप्त परिचय बताइए?
डॉ. गदिया : मेवाड़ यूनिवर्सिटी की स्थापना 2008 से शुरू हुई थी और राजस्थान विधानसभा ने एक प्रस्ताव पारित कर 2009 में इसको कई विषयों के पाठयक्रमों को पढ़ाने की मान्यता मिली थी, तब से लेकर अब तक मेवाड़ यूनिवर्सिटी ने न केवल अपने आसपास बल्कि राजस्थान समेत देश-विदेश में अपनी अलग पहचान बनाई है। यह यूनिवर्सिटी 12.50 लाख वर्ग फुट में फैली हुई है। इसमें विद्यार्थियों को न केवल वैश्विक शिक्षा बल्कि एक सभ्य नागरिक बनाने की शिक्षा भी दी जाती है। यूनिवर्सिटी के विद्यार्थियों ने बहुआयामी क्षे़त्रों समेत कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर की खेलकूद प्रतियोगिता के अलावा टेक्निकल फेस्ट जैसे इवेंट्स में अपनी योग्यता का प्रदर्शन कर कई महत्वपूर्ण पुरस्कार जीते है।
प्रश्न : और मोतीलाल ओसवाल फाउंडेशन का संक्षिप्त परिचय क्या है?
डॉ. गदिया : मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विस लिमिटेड एक वित्तीय सेवा फर्म है जिसकी स्थापना 1987 में एक छोटी सबब्रोकिंग इकाई के रूप में हुई थी। जिसका नेटवर्क 550 शहरों और कस्बों में फैला हुआ है। 9800 से अधिक सदस्यों वाली यह फर्म निजी संपत्ति, खुदरा ब्रोकिंग और वितरण, संस्थागत ब्रोकिंग, एसेट मैनेजमेंट, निवेश बैंकिंग, निजी इक्विटी, कमोडिटी ब्रोकिंग, मुद्रा ब्रोकिंग और होम फाइनेंस जैसे वित्तीय उत्पादों और सेवाओं से जुड़ी है। मोतीलाल ओसवाल फाउंडेशन का दृष्टिकोण गरीब मगर होनहार बच्चों के लिए अवसर प्रदान करना है ताकि वह शिक्षित होकर आत्मनिर्भर बन सकें। इस संस्था ने शैक्षिक कार्यक्रमों, संस्था निर्माण कार्यक्रमों और कर्मचारी स्वयं सेवा कार्यक्रमों में 37122 लाभार्थियों को सीधे लाभ पहुंचाया है। शैक्षिक कार्यक्रमों में 243 स्कूलों के 22365 विद्यार्थियों और 307 शिक्षक लाभान्वित हुए हैं।
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