- बली के घमंड को तोडऩे के लिए भगवान ने लिया था वामन अवतार : रविशंकर तिवारी
- नृसिंह मंदिर परिसर में आयोजित श्रीमद भागवात कथा का चौथा दिन, बड़ी संख्या में पहुंच रहे श्रद्धालु
श्रीमद भागवात कथा के दौरान पंडित श्री तिवारी ने कहा कि जब देवताओं और दानवों ने मिलकर समृद्र मंथन किया तो सबसे पहले जहर निकला इस जहर को धारण करने के लिए कोई तैयार नही हुआ तब भगवान नारायण भोलेनाथ के पास पहुंचे और इस समस्या का हल निकालने के लिए कहा तब शंकर ने जहर पीने के लिए पार्वती से स्वीकृति मांगी संसार के कल्याण के लिए माता पार्वती ने जहर पीने की आज्ञा दी, तब शंकर भगवान ने अपने अंदर देखा तो भगवान श्रीराम विराजमान थे अब अगर भगवान शंकर जहर निगलते है तो श्रीरामजी को कष्ट होगा और नहीं निगलते है तो संसार को कष्ट होगा इस लिया शंकर ने जहर अपने कंठ में ही धारण कर लिए तब से भगवान को नीलकंठेश्वर महादेव भी कहा जाने लगा। श्रीमद भागवत कथा के दौरान भागवत भूषण पं रविशंकर तिवारी के द्वारा मधुर भजनों की प्रस्तूती दी गई। कथा में महिलाऐं पीली साड़ी पहनकर सम्मिलित हुई। पंडित हरीश तिवारी के सानिध्य में मुख्य यजमान और श्रद्धालुओं के द्वारा भागवतजी की आरती की गई। शनिवार रात को नृसिंह जयंती महोत्सव अंतर्गत सुंदरकांड पाठ का आयोजन भी किया गया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में श्रद्धालुजन सम्मिलित हुए।
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