सीहोर : सात दिनों में ही सबकी मृत्यु निश्चित है आठवां दिन नहीं आएगा - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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गुरुवार, 16 मई 2024

सीहोर : सात दिनों में ही सबकी मृत्यु निश्चित है आठवां दिन नहीं आएगा

  • भागवत कथा में आने के लिए मन रूपी बकरे को मारना ही होगा : रविशंकर तिवारी

Bhagwat-katha-sehore
सीहोर। संत के गले में मरा हुआ नाग डालने के कारण श्रापित हुए राजापरिक्षित की मृत्यु तक्षक नाग के काटने से सात दिनों में होना निश्चित थी। संतों मुनियों ने मृत्यु को मौक्ष बनाने का उपाए बताते हुए राजापरिक्षित को श्रीमद भागवत कथा सुनने के लिए कहा था। हम सब की मृत्यु भी सात दिनों में निश्चित है आठवां दिन नहीं आएगा। मृत्यु से पूर्व भवसागर से पार होने के लिए सदकर्म कर लेना चाहिए उक्त उद्गार कस्बा स्थित भगवान नृसिंह मंदिर परिसर में नृसिंह जयंती महोत्सव के अंतर्गत आयोजित श्रीमद भागवात कथा के दूसरे दिन गुुरूवार को भागवत भूषण पं रविशंकर तिवारी ने श्रद्धालुुओं के समक्ष व्यक्त किए।


पंडित श्री तिवारी ने कहा कि भगवान की कथा में सरलता से मन नहीं लगता है। भक्त को मन रोकता है टोकता है एैसे बकरा रूपी मन को मारकर ही भागवत कथा में आया जा सकता है। उन्होने कहा कि भगवान में जब मन लग जाता है तो मरना नहीं पड़ता है मोक्ष मिल जाता है। सुखदेव बाबा कहते है कि सात दिनों में जन्म होता है और मरण होता है किसी के लिए भी आठवां दिन नहीं बना है हम सबकी मृत्यु तय है इस लिए भगवान का सुमिरन कर लेना चाहिए। सुखदेव बाबा ने राजापरिक्षित को 18 हजार श£ोक सुनाऐं। संगीतमय कथा के दौरान मुख्य यजमान के द्वारा पंडित हरीश तिवारी के सानिध्य में भागवतजी की पूजा अर्चना की गई। पंडित श्री तिवारी के द्वारा प्रस्तुत भजनों पर श्रद्धालुजन भावविभौर होकर नृत्य करते दिखाई दिए। कथा सुनने लिए बड़ी संख्या में कस्बा सहित आसपास के क्षेत्रवासी श्रद्धालुगण पहुंच रहे है। 

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