सीहोर : कुबेरेश्वरधाम पर आज मनाया जाएगा भगवान गणेश का विवाहोत्सव - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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गुरुवार, 2 मई 2024

सीहोर : कुबेरेश्वरधाम पर आज मनाया जाएगा भगवान गणेश का विवाहोत्सव

  • बिना गणेशजी की पूजा आराधना के किसी भी शुभ संकल्प की पूर्ति नहीं हो सकती : कथा व्यास पंडित राघव मिश्रा

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सीहोर। बिना गणेशजी की पूजा आराधना के किसी भी शुभ संकल्प की पूर्ति नहीं हो सकती। भगवान गणेश प्रथम वंदनीय हैं। विघ्नहर्ता के रूप में देवता भी उन्हें मान्यता देते हैं। गणेशजी भी अपने पिता की तरह सबसे सहज और सरल देवता माने जाते हैं। ज्ञान और बुद्धि के साथ विवेक देने वाले गणेशजी ही हैं। उनकी आराधना कभी निष्फल नहीं होती। उक्त बात जिला मुख्यालय के समीपस्थ चितावलिया हेमा स्थित निर्माणाधीन मुरली मनोहर एवं कुबेरेश्वर महादेव मंदिर में आयोजित पांच दिवसीय शिव महापुराण तीसरे दिन भगवान गणेश के जन्मोत्सव का प्रसंग के दौरान अंतर्राष्ट्रीय कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा के पुत्र कथा व्यास पंडित राघव मिश्रा ने कहे। हर रोज बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां पर शिव महापुराण कथा का श्रवण करने के अलावा सामाजिक संगठनों और महिला मंडलों के द्वारा पंडित श्री मिश्रा के स्वागत का क्रम जारी है। गुरुवार को कथा के तीसरे दिन दो दर्जन से अधिक संगठनों के पदाधिकारियों ने स्वागत किया।  उन्होंने कहा कि जीवन में संयोग के साथ वियोग और सुख के साथ दुख भी जुड़ा हुआ है। भगवान आनंद के सिंधु हैं और हम संसार के एक बिन्दू बराबर सुख को पाते ही अपने आपको धन्य समझने लगते हैं। भगवान शिव और पार्वती के पुत्र गणेश आज भी भारतीय समाज के जन-जन के मन में स्थापित हैं। भगवान गणेश जन्म के पूर्व से ही विलक्षण रहे। पिता और माता के विवाह में पुत्र के पूजन का अनूठा उदाहरण मिलता है। माता-पिता की परिक्रमा को तीर्थ यात्रा का दर्जा देने वाले भगवान गणेश ही हैं। उनके द्वारा स्थापित परंपरा भारतीय समाज में आज भी प्रासंगिक और शाश्वत मानी जाती है।


भोले की भक्ति में शक्ति होती है

कथा के तीसरे दिन कथा व्यास पंडित राघव मिश्रा ने कहा कि भगवान शिव की आराधना करने वाला भक्त कभी दुखी नहीं रहता। भगवान भोलेनाथ हर भक्त की सुनते हैं। भोले की भक्ति में शक्ति होती है। भगवान भोलेनाथ कभी भी किसी भी मनुष्य की जिंदगी का पासा पलट सकते हैं। बस भक्तों को भगवान भोलेनाथ पर विश्वास करना चाहिए और उनकी प्रतिदिन आराधना करनी चाहिए। उन्होंने यहां पर मौजूद श्रद्धालुओं को आह्वान किया है कि भक्ति के लिए कठिन तप करने की आवश्यकता नहीं है, भगवान भोलेनाथ तो आपकी भक्ति के भाव से खुश हो जाते है। कथा कहती है कि महादेव को जैसे रिझाओंगे वैसे ही शंकर रिझ जाते हैं। शिवजी की पूजन में कोई गलती व कमी नहीं होनी चाहिए, ये लोग कहते हैं, लेकिन अगर आप शिव को दिल से कहो और पुकारो तो महादेव उसे दिल से सुनेंगे। भोलेनाथ कभी भक्त की कोई गलती व कमी नहीं देखते हैं।


भजनों पर मंत्रमुग्ध होकर किया नृत्य

गुरुवार को भी बड़ी संख्या में यहां पर जारी पांच दिवसीय शिव महापुराण का श्रवण करने के लिए श्रद्धालु पहुंचे थे। यहां पर मौजूद भजन मंडली ने अपनी संगीतमय भजनों की प्रस्तुति से श्रद्धालुओं का मनमोह लिया और पूरे भाव से श्रद्धालुओं ने आनंद लिया। शिव शंकर जपु तेरी माला, भोला सब दुख काटों, खाली ना जाता कोई दर से तुम्हारें, अपने हृदय से लगा लो, लगा लो गिरा जा रहा हूं उठा लो उठा लो, हम सबके कल्याण कर दे भोले बाबा, हर मुश्किल आसान कर दे भोले बाबा, ये दुनिया वाले जलते हैं भोले बाबा के भरोसे चलते हैं, श्री शिवाय नमुस्तभ्यं आदि भजनों की प्रस्तुति उपस्थित श्रोता जमकर झूमें।


आज मनाया जाएगा भगवान गणेश का जन्मोत्सव

विठलेश सेवा समिति के मीडिया प्रभारी प्रियांशु दीक्षित ने बताया कि शुक्रवार को कथा के चौथे दिन भगवान गणेश का विवाहोत्सव आस्था और उत्साह के साथ मनाया जाएगा। यहां पर आने वाले श्रद्धालुओं के भोजन आदि की व्यवस्था समिति के प्रबंधक पंडित समीर शुक्ला सहित अन्य के द्वारा की जा रही है। 

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