42 विधायक होने के बावजूद भाजपा ने नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री बनाए रखा ताकि बिहार से सांसद जीत कर दिल्ली जाते रहेपटना : जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने कांग्रेस और भाजपा पर निशाना साधा है। प्रशांत किशोर ने कहा कि 1989-90 में कांग्रेस जब यहां हारी उसके बाद उन्होंने पूरे बिहार को लालू जी के हवाले कर एक तरीके से बेच दिया। बिहार को बेचने के साथ अपने संगठन को बेच दिया। इसमें कांग्रेस अकेले नहीं है। कांग्रेस ने 1990 में बिहार की जनता के साथ जो धोखा किया उसका खामियाजा आज तक भुगत रही है। बिहार में 1990 के दौर में कांग्रेस रुलिंग पार्टी थी। इसके बाद कांग्रेस एक बार चुनाव हारी और फिर उन्होंने पार्टी को लालू जी के हवाले छोड़ दिया, चाहे बिहार की जनता का जो होना है हो। यही गलती भाजपा ने नीतीश के साथ की, बिहार को नीतीश के हवाले कर दिया, बिहार के लोगों का क्या होगा, इस बात की चिंता तक नहीं की। जो भाजपा दूसरे राज्यों में अलग-अलग दलों को तोड़कर अपनी सरकार बनाती है। वहीं 2020 में वो बिहार में सबसे बड़े दल थे। लेकिन, उन्होंने पद नहीं संभाला, बिहार को सुधारने की जिम्मेदारी नहीं ली। उन्होंने नीतीश जी को सीएम बनाया, जिनके पास सिर्फ 42 विधायक थे। ऐसा इसलिए नहीं किया क्योंकि उनको नीतीश जी से प्रेम था। ऐसा इसलिए किया क्योंकि वे चाहते थे कि नीतीश के साथ समीकरण बना रहे और हमारे 30-35 एमपी (सांसद) जीतकर जाते रहे।
20, 25, 30 सांसद जीतकर दिल्ली जाते रहे इसलिए कांग्रेस-भाजपा ने बिहार को बेचा
प्रशांत किशोर ने कहा कि सोनिया गांधी और कांग्रेस ने लालू प्रसाद यादव को बिहार को क्यों बेचा? ऐसा इसलिए किया क्योंकि हमारे 20, 25, 30 सांसद जीतकर दिल्ली में जाते रहे, चाहे बिहार की जनता मरती है तो मरे। ये बिहार की त्रासदी रही है कि दोनों राष्ट्रीय दल, कांग्रेस ने 1990 में और बाद के वर्षों में भाजपा ने सांसदों की लालच में बिहार की चिंता नहीं की। सिर्फ ये देखा कि बिहार से हमको 20, 25, 30 सांसद आते रहे और हम लोग दिल्ली में बैठकर कहते रहें कि बिहार तो पिछड़ा है, इसका कुछ नहीं हो सकता है। लालू यादव और नीतीश कुमार का पूरा फोकस यही है कि समाज को बांटो और राज करो।
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