फिल्म देखने के बाद मैथिली महिला संघ की महिलाओं ने कहा कि यह फिल्म न सिर्फ मिथिला की ऐतिहासिक विरासत को संजोन का काम करती है, बल्कि मनोरंजन के लिहाज से भी यह फिल्म उत्कृष्ट है। यह फिल्म संपूर्ण मिथिला समाज को गौरवान्वित और लाभान्वित करती है, इसके लिए इस फिल्म के निर्माता, निर्देशक सहित सिनेमा की पूरी टीम बधाई के पात्र हैं। मैथिली महिला संघ की महिलाओं ने कहा कि ऐतिहासिक पृष्ठभूमि मे बनी बायोपिक फिल्में अक्सर रसहीन हुआ करती हैं लेकिन इस फिल्म में विविध रसों का प्रयोग किया गया है जो दर्शकों को रोमांचित करती हैं। नृत्य और संगीत के कारण भी यह फिल्म एक बेहतरीन फिल्म है। मैथिली फिल्मों में इस तरह की मेकिंग दुर्लभ है। यह दर्शकों को तीन घंटे तक अपने से बांधे रखती है। और आप इस फिल्म को देखकर बाहर निकलेंगे तो आपको लगेगा कि इस फिल्म ने आपको बहुत कुछ दिया है। उन्होंने बताया कि यह फिल्म युवाओं, महिलाओं, बुजुर्गों सहित मिथिला समाज के हर वर्ग के लोगों के लिए महत्वपूर्ण है जो आपको गौरव वोध भी कराती है और आनंद के सागर में हिलोरें लेने के लिए रोमांचित भी करती हैं।
मैथिली फीचर फिल्म 'विद्यापति' महाकवि विद्यापति के जीवन पर आधारित फीचर फिल्म है। इसमें महाकवि के जीवन के विविध पहलुओं को उद्घाटित किया गया है। ऐसे अनछुए पहलुओं को इसमें सामने लाया गया है जिसके बारे में लोगों को नहीं के बराबर जानकारी थी। यह फिल्म न सिर्फ हमारा ज्ञानवर्धन करता है, बल्कि मनोरंजन के लिहाज से भी यह फिल्म सर्वोत्कृष्ट है। राग-विराग, प्रेम और सौन्दर्य के साथ समर्पण की अद्भुत कथा जानकी फिल्म्स प्रोडक्शन के माध्यम से लोगों के सामने लाई गई है। प्रीमियर शो के अवसर पर चेतना समिति के अध्यक्ष निशा मदन झा, सचिव उमेश मिश्र, मैथिली महिला संघ दिस सं सरिता झा, कथाकार अशोक, विनोद कुमार झा उर्फ सरकार, किशोर केशव आदि उपस्थित थे। मालूम हो कि मैथिली की बहुप्रतीक्षित सिग्नेचर फिल्म विद्यापति को 7 जून को दरभंगा के शाहिल सिने प्लेक्स, जो अब लाइट हाउस के नाम से जाना जाता है, में रिलीज किया जाएगा। इस फिल्म का प्रसारण प्रतिदिन चार शो में किया जाएगा।
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