- प्रति वर्ष अन्तराष्ट्रीय योग दिवस के आयोजन से योग दुनिया भर में अपनी पहचना स्थापित कर चुका है – डॉ काशी नाथ समगंडी
- बोध गया में आयोजित योग महोत्सव’ कार्यक्रम में हजारों की संख्या में योग उत्साही शामिल हुये, समाज के सभी क्षेत्रों के लोगों ने इस कार्यक्रम में भाग लिया
बोध गया, 27 मई : अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस-2024 के 25 दिन शेष रहने पर आयोजित काउंट डाउन कार्यक्रम बोध गया बिहार में एक विशाल योगाभ्यास कार्यक्रम के साथ सम्पन्न हुआ। इस विशाल कार्यक्रम को मगध विश्वविद्यालय, बोध गया बिहार में आयोजित किया गया। 27 मई 2024 को सूर्योदय के साथ शुरू हुए इस आयोजन में लगभग 7 हजार से अधिक योग अभ्यासियों ने सामान्य योग प्रोटोकॉल (सीवाईपी) के आधार पर योगाभ्यास किया। आम जन के उत्साह और बहुमूल्य योगदान ने योग के महत्व को और अधिक बढ़ाया। सामूहिक योगाभ्यास का यह कार्यक्रम केवल व्यक्तिगत नहीं बल्कि सामाजिक कल्याण को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण साबित हुआ। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के 25 दिन शेष रहने पर बिहार के बोधगया में आयोजित योग उत्सव में आयुष मंत्रालय के कॉमन योग प्रोटोकॉल के तहत योगाभ्यास कराया गया। जिसमें अनेक आसन और स्थितियाँ शामिल हैं जैसे प्रार्थना, यौगिक सूक्ष्म व्यायाम, ताड़ासन, वक्रासन, पाद हस्तासन, अर्ध चक्रासन, त्रिकोणासन, भद्रासन आदि। उपस्थित जन समूह ने निदेशक मोरारजी देसाई राष्ट्रीय योग संस्थान के निर्देशन में इन आसनों को लोग बड़े उत्साह के साथ किया। आयुष मंत्रालय की स्वायत्त संस्था ‘मोरारजी देसाई राष्ट्रीय योग संस्थान’ ने हजारों कुशल योग गुरु तैयार करके हमारे देश में योग के परिदृश्य को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उनके समर्पण ने यह सुनिश्चित किया है कि योग का पूरे देश में प्रभावी ढंग से प्रचार-प्रसार हो। उनके प्रयास न केवल शारीरिक कल्याण को बढ़ावा देते हैं बल्कि जनता के बीच मानसिक और आध्यात्मिक सद्भाव में भी योगदान देते हैं। इन योग गुरुओं को प्रशिक्षित करने में संस्थान का योगदान भारत और उसके बाहर योग के अभ्यास और दर्शन को आगे बढ़ाने के लिए इसकी प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है।
मोरारजी देसाई राष्ट्रीय योग संस्थान (एमडीएनआईवाई) के निदेशक डॉ. काशीनाथ समगंडी ने कार्यक्रम की शुरुआत स्वागत संबोधन के साथ की और कार्यक्रम की सफलता में प्रतिभागियों के बहुमूल्य योगदान के लिए उनका आभार व्यक्त किया। उन्होंने योग के सार्वभौमिक अभ्यास को बढ़ावा देने के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि अन्तराष्ट्रीय योग दिवस के आयोजन के आरंभ से योग ने अब दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींचा है। गत वर्ष आईडीवाई- 2023 के आयोजन में दुनिया भर में 23.5 करोड़ से अधिक लोगों ने योग किया। आयुष मंत्रालय को विश्वास है कि इस वर्ष यह भागीदारी लगभग् दो गुनी हो जाने की आशा है। डॉ. काशीनाथ समगंडी ने यह भी कहा कि आयुष सचिव वैद्य राजेश कोटेचा, उपमहानिदेशक आयुष मंत्रालय श्री सत्यजित पॉल एवं निदेशक आयुष मंत्रालय विजय लक्ष्मी भारद्वाज के निर्देशन में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अभियान को आयोजित किया जा रहा है और इसमें अधिक से अधिक लोगों की भागीदारी देखने को मिल रही है। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस प्रति वर्ष केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों संस्थानों और विभागों तथा योग के अन्य हितधारकों के आपसी सहयोग और समन्वय से आयोजित किया जाता है। इस वर्ष भी विभिन्न आयोजनों में सभी की भागीदारी देखने को मिल रही है। इस महोत्सव के दौरान विशिष्ट अतिथियों के रुप में डॉ. काशीनाथ समगंडी, निदेशक, मोरारजी देसाई राष्ट्रीय योग संस्थान, भिक्खु बड़ा बोधि और डॉ. राजीव लोचन दास, प्रधानाचार्य एस.आर.टी. आयुर्वेद ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। आयोजन में सामान्य योग प्रोटोकॉल का स्टेज पर लाइव प्रदर्शन किया गया।
आयुष मंत्रालय, मोरारजी देसाई राष्ट्रीय योग संस्थान के साथ मिलकर, '100 दिन, 100 शहर और 100 संगठन' अभियान के हिस्से के रूप में सामूहिक योग प्रदर्शनों और सत्रों की एक श्रृंखला आयोजित कर रहा है - जो आईडीवाई-2024 की उपलक्ष्य में एक कार्यक्रम है। यह पहल स्कूलों, विश्वविद्यालयों, संस्थानों, कॉलेजों, कॉर्पोरेट निकायों के साथ-साथ सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों सहित हितधारकों की एक विस्तृत श्रृंखला के सहयोग से संचालित होती है। अर्धसैनिक बल के जवानों ने अपने-अपने दायरे में योग को बढ़ावा देने और प्रचार-प्रसार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, इस प्रकार अभियान के उद्देश्यों में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। इसके अलावा, आईटी परिसंपत्तियों का उपयोग योग अभ्यास को प्रभावी ढंग से प्रसारित करने में सहायक साबित होता है, जिससे इसकी पहुंच व्यापक रूप से बढ़ जाती है। व्यापक पहुंच और जुड़ाव सुनिश्चित करते हुए इस गतिशील कार्यक्रम को आयुष मंत्रालय, एमडीएनआईवाई और अन्य प्रतिष्ठित योग संस्थानों द्वारा प्रबंधित कई सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर प्रसारित किया गया। डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म का लाभ उठाकर, कार्यक्रम ने भौतिक स्थल से परे अपनी पहुंच बढ़ा दी, जिससे दुनिया भर के व्यक्तियों को योग की परिवर्तनकारी शक्ति में भाग लेने के लिए सशक्त बनाया गया।
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