मतगणना स्थल पर पब्लिक कम्युनिकेशन कक्ष भी स्थापित किया जा रहा है, जहां पर प्रत्याशी व उनके एजेण्ट आवश्यकता पड़ने पर मोबाइल फोन का प्रयोग कर सकते हैं तथा उनके फोन सुरक्षित रखे जाने की व्यवस्था भी की गयी है. प्रत्याशी, उनके अभिकर्ता, मतगणना कार्मिकों एवं अन्य कर्मचारियों के लिए स्वच्छ एवं शीतल पेयजल तथा शौचालय की पर्याप्त व्यवस्था किये जाने के निर्देश जारी किये गये हैं. प्रत्येक मतगणना हॉल में 01 ब्लैक बोर्ड, व्हाइट बोर्ड की व्यवस्था की जायेगी. जिसमें प्रत्याशियों के नाम व राउण्डवार परिणाम लिखा जाएगा ताकि सभी मतगणना एजेण्ट उसे देख सकें. मीडिया कर्मी एवं आमजन मतगणना के रूझान एवं परिणाम जान सकते हैं. प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र एवं लोकसभा क्षेत्र में सार्वजनिक उदबोधन प्रणाली की भी व्यवस्था की गयी है. सर्वप्रथम प्रत्येक टेबल पर काउंटिंग एजेण्ट के बैठने की व्यवस्था रहेगी. सबसे आगे मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय एवं राज्यीय राजनैतिक दल, उसके बाद रजिस्ट्रीकृत अमान्यता प्राप्त दल तथा उसके बाद निर्दलीय प्रत्याशी के एजेण्ट बैठेंगे. मतगणना के रुझान और नतीजे भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) की वेबसाइट पर मौजूद होंगे. इसके साथ-साथ आप वोटर हेल्पलाइन ऐप और एंड्रॉइड मोबाइल ऐप दोनों पर उपलब्ध होंगे. वोटर हेल्पलाइन ऐप को गूगल प्ले स्टोर या एप्पल प्ले स्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है.
पीएम मोदी के जीत की मार्जिन को लेकर छिड़ी बहस
उत्तर प्रदेश की वाराणसी लोकसभा सीट पर पिछले तीन आम चुनावों से पूरे देश की नजर टिकी रहती है. क्योंकि इस ससंदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करते हैं. वाराणसी में इस बार पीएम मोदी के सामने इंडिया गठबंधन की ओर यूपी कांग्रेस के अध्यक्ष अजय राय चुनौती पेश कर रहे हैं. उनके अलावा बसपा ने अतहर जमाल लारी और अपना दल कमेरावादी के गगन प्रकाश यादव भी वाराणसी से चुनावी मैदान में हैं. मतदान के बाद पीएम मोदी की जीत तो पक्की हर कोई मान रहा है लेकिन जीत का अंतर क्या होगा, इस पर स बहस शुरु हो गयी है। सूबे के स्टांप शुल्क पंजीयन राज्यमंत्री रवीन्द्र जायसवाल का दावा है कि इस बार जीत का मार्जिन बढ़ेगा। उनका दावा है कि इस बार 7 लाख से ज्यादा वोट से पीएम जीतेंगे. उन्होंने बताया कि 2014 के लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री वाराणसी सीट से 3,37,000 वोटो से जीते थे. 5 साल बाद 2019 में वाराणसी सीट पर प्रधानमंत्री की जीत का मार्जिन बढ़कर 4,79,000 तक पहुंच गया था. इस बार वाराणसी में चुनाव में मतदाताओं ने काफी उत्साह से भाग लिया है. पूरा वाराणसी मोदीमय हो गया है. प्रधानमंत्री मोदी इतिहास के रिकॉर्ड को तोड़ते हुए 2024 के चुनाव में वाराणसी सीट से 7 लाख से ज्यादा वोटो से जीतेंगे.उन्होंने कहा कि पिछले 10 साल से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सांसद रहते हुए वाराणसी संसदीय क्षेत्र के आर्थिक और सामाजिक विकास पर करीब 48,000 करोड रुपया खर्च किया गया है. वाराणसी में सरकारी योजनाओं का कार्यान्वयन बेहतर हुआ है और इस पूरे क्षेत्र में आर्थिक गतिविधियां बढ़ी हैं. टूरिज्म इंफ्रास्ट्रक्चर का विस्तार हुआ है, घाटों का सौंदर्यीकरण हुआ है, धार्मिक पर्यटन बढ़ा है, नई सड़कों और पुल का निर्माण हुआ है और वाराणसी शहर के विकास के लिए बड़े स्तर पर पहल शुरू की गई है. यही वजह है कि इस बार प्रधानमंत्री वाराणसी लोकसभा सीट से रिकॉर्ड मार्जिन से चुनाव जीत सकते हैं. कुछ लोगों का कहना है तमाम प्रयासों के बावजूद वाराणसी में 56.35 फीदी ही मतदान हो पाया. यह पिछले लोकसभा चुनाव की तुलना में भी कम है. यह जीत के अंतर पर खासा प्रभाव डाल सकता है. पिछले चुनाव की अगर बात करें तो वाराणसी में लगभग 57.13 प्रतिशत मतदान हुआ था.
मतदान प्रतिशत
वाराणसी लोकसभा सीट पर कुल 56.35 प्रतिशत वोटिंग हुई. इनमें शहर उत्तरी में 54.55, शहर दक्षिणी में 57.7, कैंट में 51.47, सेवापुरी में 60.93, रोहनिया में 58.77 प्रतिशत वोट पड़े. इससे पूर्व साल 1952 में 45.19, 1957 में 62.67, 1962 में 63.20, 1967 में 56.8, 1971 में 55.48, 1977 में 55.83, 1980 में 53.66, 1984 में 54.94, 1989 में 42.64, 1991 में 44.79, 1996 में 47.18, 1998 में 44.16, 1999 में 45.02, 2004 में 48.15, 2009 में 46.27, 2014 में 58.35, 2019 में 59.62 प्रतिशत मतदान हुआ था.
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