श्रीमती आनंद ने चिंता जाहिर करते हुए कहा कि पेड़ों की अंधाधुंध कटाई और बढ़ते प्रदूषण के चलते पर्यावरण दूषित होता जा रहा है। ग्लोबल वार्मिंग बढ़ती जा रही है। खराब हवा लोगों का दम घोंट रही है। शहरों में बहुत से लोगों को बदतर आबोहवा के चलते लोगों को सांस, हृदय, फेफड़ों की बीमारियों हो रही हैं। उन्होंने कहा, हमें यह समझना चाहिए कि संपूर्ण मानवता का अस्तित्व प्रकृति पर निर्भर है। इसलिए एक स्वस्थ एवं सुरक्षित पर्यावरण के बिना मानव समाज की कल्पना अधूरी है। पृथ्वी ग्रह पर ही मानव जीवन संभव है इसलिए इसे जीने लायक बनाए रखना हमारी जिम्मेदारी है। ये बातें सिर्फ जुबानी या किताबों में न रह जाएं बल्कि हमें जीवन में उतारनी होंगी। प्रदूषण से पर्यवारण को बचाना है। पर्यावरण अनुकूल जीवन शैली अपनानी होगी। पर्यावरण के संतुलन कायम रखने से ही जीव और मानव का विकास संभव है। सोलर ऊर्जा का प्रयोग बढ़ना होगा। ऊर्जा का अनावश्यक खर्च न करने की आदत डालनी होगी। जल संसाधनों की बचत करनी होगी। हमें याद रखना चाहिए कि प्रकृति ने इंसान को पैदा किया और अपने आस्तित्व के लिए इंसान को उसकी जरूरत है। प्रकृति से हम हैं, हमसे प्रकृति नहीं।
नई दिल्ली। पर्यावरण रक्षा और नदी संरक्षण के क्षेत्र में अग्रणी रूप से कार्यरत सामाजिक संस्था नमामि नर्मदा ( संघ) नमामि गंगा नमामि यमुना की ओर से आज पांच जून पर्यावरण दिवस के अवसर पर दिल्ली में विभिन्न स्थानों वृक्षारोपण किया गया। इस मौके पर भारत रक्षा मंच उत्तर क्षेत्र की प्रमुख श्रीमती सुजैन आनंद विशेष अतिथि थी। इस मौके पर अपने आतिथ्य संबोधन में श्रीमती सुजैन आनंद ने पर्यावरण दिवस की समस्त देशवासियों को बधाई देते हुए कहा कि हर साल 5 जून का दिन दुनिया भर में विश्व पर्यावरण दिवस के तौर पर मनाया जाता है। इसका मकसद है- लोगों को पर्यावरण की सुरक्षा के प्रति जागरूक और सचेत करना। प्रकृति के बिना मानव जीवन संभव नहीं। ऐसे में यह बेहद जरूरी है कि हम पेड़-पौधों, जंगलों, नदियों, झीलों, भूमि, पहाड़ सबके महत्व को समझें।
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