पटना : बीजेपी ने 2014,2019 और 2024 तक नहीं किया इजाफा - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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बुधवार, 19 जून 2024

पटना : बीजेपी ने 2014,2019 और 2024 तक नहीं किया इजाफा

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पटना. लोकसभा चुनाव 2004 में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए)  की सरकार बनी और डॉक्टर. मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री बने.पांच साल बाद लोकसभा चुनाव 2009 में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) की सरकार बनी और सत्ता में लगातार दूसरी बार डॉक्टर.मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री बने. संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) सरकार ने ईपीएस-95 पेंशनभोगियों को न्यूनतम पेंशन में ₹1000 बढ़ोतरी करने की घोषणा कर दी.इस घोषणा के आलोक में भगत सिंह कोश्यारी कमेटी ने एक रिपोर्ट सदन को सौपा.भगत सिंह कोश्यारी कमेटी की रिपोर्ट को बीजेपी ने लपक लिया.2013 से ही बीजेपी के नेता प्रकाश जावड़ेकर जोरदार ढंग से यूपीए सरकार की आलोचना करते रहे.उन्होंने कहा कि हमारी सरकार की सत्ता आने के बाद ईपीएस-95 पेंशनभोगियों के लिए कोश्यारी कमेटी की सभी सिफारिशों को 90 दिनों के भीतर लागू किया जाएगा. निवृत्त कर्मचारी संघ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अनिल बाजपेई का कहना है कि कोशियारी कमेटी ने साल 2013 में न्यूनतम पेंशन 3000 प्रति महीने करने और महंगाई भत्ता देने की सिफारिश की थी, इसके साथ वारसदार को 100  प्रतिशत पेंशन एवं मुफ्त उपचार की सुविधा की सिफारिश की थी पर इस पर अभी तक अमल नहीं किया गया. 2014 में बीजेपी सत्ता में आने के बाद संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) की घोषणा को ही न्यूनतम पेंशन 1000 प्रतिमाह लागू कर दिया.जो आज वर्तमान में भी न्यूनतम पेंशन 1000 प्रतिमाह है.

     

इस कोश्यारी कमेटी की सिफारिश को लागू करवाने के लिए पेंशनभोगी लामबंद हो चुके हैं.देशभर के लाखों पेंशनभोगी संघटनो के नेता पेंशनभोगियों के अधिकारों की लड़ाई के लिए 22 जून को भोपाल के कालिंदी होटल में बड़ी बैठक में भाग लेनेवाले हैं, जिसमें मंथन किया जानेवाला है कि किस प्रकार से कोशियारी कमेटी की सिफारिशो को सरकार से लागू करवाया जाए. नई लोकसभा का सत्र बहुत ही जल्द शुरू होने वाला है ऐसे में कोश्यारी कमेटी की सिफारिश को लोकसभा में पास करवाने के लिए मध्यप्रदेश सहित देश भर के कर्मचारी नेता एकजुट हो रहे हैं, इस संदर्भ में 22 जून को बड़ी बैठक का आयोजन किया गया है.  पेंशनभोगियों को उम्मीद है कि न्यूनतम पेंशन ₹1000 से बढ़ाकर 7500 और डीए किया जाएगा.पेंशनभोगियों द्वारा इसकी मांग काफी लंबे समय से की जा रही है लेकिन केंद्र सरकार इसको पूरा नहीं कर पाई है. ऐसे में लोकसभा चुनाव में बीजेपी को पेंशनभोगियों की हाय लगी और भाजपा अपने बलबूते सरकार नहीं बना पाई.ऐसे में श्रम मंत्री से उम्मीद है की पेंशनभोगियों के पक्ष में फैसला लेते हुए न्यूनतम पेंशन को बढ़ाया जाएगा. समिति के पदाधिकारी पिछले 10 साल से दिल्ली के जंतर मंतर पर प्रदर्शन कर रहे हैं परंतु ईपीएफओ और श्रम मंत्रालय द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है, इससे पेंशनभोगियों का भारी नुकसान हो रहा है लेकिन सरकार सुन नहीं रही है.

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