इस प्रशिक्षण का नेतृत्व पिरामल स्कूल ऑफ लीडरशिप के मुदित पाठक ने किया, जिन्होंने इन पांच ब्लॉकों में कर्मचारियों को गुणवत्ता सुधार के लिए संवेदनशील किया और मरीजों को बेहतर सेवाएं देने के लिए जागरूक किया। मधुबनी के सिविल सर्जन डॉ. नरेश कुमार भिमसरिया, जो हमेशा से गुणवत्ता सुधार पर जोर देते रहे हैं, ने भी इस अवसर पर बात की। उन्होंने बताया कि इस तरह के प्रशिक्षण से हमारे लाभार्थियों को किसी भी प्रकार की कमी महसूस नहीं होनी चाहिए और हमारे कर्मचारी उचित सेवाएं प्रदान कर सकें। मधुबनी जिला जिसमें अभी एक स्वास्थ्य संस्थान के पास कायाकल्प सर्टिफिकेशन है जो कि लउकाही है, इस प्रकार की ट्रेनिंग्स के साथ हम लोग लक्ष्य, एनक्यूएएस, कायाकल्प जैसे सर्टिफिकेशन को आसानी से और जल्दी तैयारी कर सकते हैं। स्टाफ्स को इन सर्टिफिकेशंस के बारे में ट्रेनिंग्स में बताया गया। इन क्वालिटी से संबंधित सर्टिफिकेशंस को कैसे हम ले सकते हैं उसके बारे में भी बताया गया। मुदित पाठक ने हर अस्पताल में जाकर वहाँ का निरीक्षण किया और वहाँ के स्टाफ्स को बताया कि कैसे वे अपनी सेवाओं को सुधार सकते हैं, जिससे हमारे मरीजों को सुविधा मिले और वे अस्पताल में सुरक्षित महसूस करें।
सभी ब्लॉकों के एमओआईसी/डीएस ने इस प्रशिक्षण की सराहना की और इस प्रकार की प्रशिक्षण से होने वाले लाभ और स्टाफ की नॉलेज एन्हांसमेंट पर बात की। उन्होंने बताया कि कैसे ये प्रशिक्षण स्टाफ्स के लिए बहुत जरूरी हैं और यह स्टाफ्स को अधिक प्रभावी और दक्ष बनाने में मदद करेगा, ताकि वे लाभार्थियों को बेहतर सेवाएं प्रदान कर सकें और अपने अस्पताल को एक बेहतर कार्यस्थल बना सकें। तीन घंटे लंबे इस सत्र में क्रॉस लर्निंग भी शामिल थी। इस सत्र में स्वास्थ्य संस्थान के डिप्टी सुप्रिटेंडेंट, मेडिकल ऑफिसर इंचार्ज, हॉस्पिटल मैनेजर, ब्लॉक हेल्थ मैनेजर, और विभिन्न विभागों के सभी कर्मचारी उपस्थित थे और उन्होंने मूल्यवान फीडबैक साझा किया। इस प्रशिक्षण सत्र में जीएनएम/एएनएम, सीएचओ, ममता वर्कर्स और स्वच्छता कर्मी भी शामिल थे और उन्होंने प्रशिक्षण प्राप्त किया। इस पहल का मुख्य उद्देश्य अस्पतालों में स्वच्छता और गुणवत्ता में सुधार करना और स्वास्थ्य सेवाओं को और अधिक प्रभावी बनाना है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें