- विद्यापति सिनेमा महाकवि विद्यापति के विशिष्ट होने के सम्पूर्ण यात्रा का वर्णन करता है
समस्तीपुर : शहर के वीनस वन मॉल के मुक्ता ए टू में मैथिली फीचर फिल्म 'विद्यापति' प्रतिदिन धूम मचा रही है। प्रतिदिन शाम चार बजे इस फिल्म को देखने के लिए शहर व जिले के विभिन्न क्षेत्र के लोगों की भीड़ उमड़ रही है। इसी कड़ी में 'विद्यापति' सिनेमा के निर्माता सुनील कुमार झा, कार्यकारी निर्माता अनिल कुमार झा, निर्देशक श्याम भास्कर, अभिनेता तुषार झा व अन्य कलाकार समस्तीपुर पहुंचे। यहां मुक्ता सिनेमा के संस्थापक मनीष अग्रवाल एवं रजनीश अग्रवाल की ओर से फिल्म की पूरी टीम को मिथिला की परंपरा के अनुसार पाग और दोपटा से सम्मानित किया गया। प्रेस मीट में निर्देशक श्याम भास्कर ने बताया की विद्यापति सिनेमा महाकवि विद्यापति के विशिष्ट होने के सम्पूर्ण यात्रा का वर्णन करता है कि कैसे एक श्रृंगार कवि भक्ति कवि हुए। किस तरह से उन्होंने मिथिला के तत्कालीन राजनैतिक उथल-पुथल का सामना किया। आप सभी को इस सिनेमा में यह देखने को मिलेगा आखिर उगना के रूप में स्वयं महादेव ने विद्यापति की किस तरह सेवा की थी। अभिनेता तुषार झा एवं अभिनेत्री शिवानी ने भी फिल्म से जुड़े अपने अनुभव को साझा किया एवं फिल्म को ऐतिहासिक बताया और लोगो से फिल्म देखने की अपील की। वहीं वीनस वन के संस्थापक मनीष अग्रवाल एवं रजनीश अग्रवाल ने बताया कि मिथिला की संस्कृति को बढ़ावा देने और आज की युवा पीढ़ी भी अपने अतीत को जाने इसी उदेश्य से विद्यापति फिल्म का शनिवार से लोगों के लिए प्रदर्शित किया जा रहा है। मनीष अग्रवाल ने विश्वास व्यक्त किया है कि ऐसे फिल्मों के निर्माण से मैथिली फिल्म इंडस्ट्री को विकसित करने मे मदद मिलेगी। इधर विपणन टीम के वैभव जोशी, अनुज दादू और अमित कुमार ने बताया कि यह फिल्म वीनस वन मॉल के मुक्ता सिनेमा में रोजाना एक शो 4 बजे से चलाया जाएगा।
मातृभाषा में बनी यह फिल्म सचमुच लाजवाब है
वहीं मैथिली फीचर फिल्म देखने आये दर्शकों ने कहा कि वे काफी दिनों से इस फिल्म की प्रतीक्षा कर रहे थे। इस फिल्म का ट्रेलर सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म पर धूम मचा रहा था। तभी से इस फिल्म को देखने की सोच रहे थे। आज जैसे ही यह जानकारी मिली कि मैथिली फीचर फिल्म 'विद्यापति' का प्रदर्शन समस्तीपुर के मुक्ता ए टू में हो रहा है, सारे काम छोड़कर फिल्म देखने आ गये। दर्शक पूजा शर्मा ने बताया कि मातृभाषा मैथिली में बनी यह फिल्म सचमुच लाजवाब है। यह आम दर्शकों के साथ - साथ युवा, छात्र और शोधार्थियों के लिए भी यह एक आवश्यक फिल्म है। इस फिल्म में मनोरंजन के साथ महाकवि विद्यापति के जीवन के विविध पहलुओं को सामने लाया गया है। हमारी दिल्ली तमन्ना थी कि हम यह फिल्म देखें। आज हमें यह अवसर प्राप्त हुआ इसके लिए हम मुक्ता सिनेमाघर के प्रबंधन और जानकी फिल्म्स प्रोडक्शन प्राइवेट लिमिटेड के आभारी हैं। उन्होंने बताया कि मैथिली भाषा में बनी यह फिल्म अद्वितीय है। सबसे बड़ी बात है कि महाकवि के जीवन को तीन घंटे में समेटना। क्योंकि महाकवि का व्यक्तित्व और कृतित्व दोनों ही बहुत विराट और विशाल रहा है। उनके जीवन के विविध पक्षों को तीन घंटे में समेटना एक चुनौतीपूर्ण काम है। निर्देशक श्याम भास्कर इस चुनौती पर खड़ा उतरते हैं।
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