- शरीर से टूट जाना मगर मन से कभी मत टूटना-कथा व्यास पंडित राघव मिश्रा
उन्होंने कहा कि हमारा कर्तव्य बस इतना है कि हम अपनी श्रद्धा भगवान शिव को समर्पित करें। अपनी पूजा में भगवान शिव से वैभव, धन सम्रद्धि, गाड़ी, बंगला के बजाय भगवान का साथ मांगिये जब बाबा आपके साथ होंगे तो सारी चीजें आपको प्राप्त हो जाएगी। माता पिता गुरु कभी भेद नहीं करते भेद की दृष्टि हमारे मन की उपज है। कुबेरेश्वरधाम पर जारी पांच दिवसीय कथा में हर रोज बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं आ रहे है और मंत्रमुग्ध होकर सुन रहे श्रद्धालुओं को शिव पुराण में वर्णित प्रसिद्ध शिव भक्तों के जीवन चरित्र, भक्ति के संबंध में कथा का वाचन किया। शिव पुराण की कथा हमें जीवन जीने की कला सिखाती है। उन्होंने कहा कि हमें भगवान शिव की भक्ति उनकी गाथाओं का श्रवण करना चाहिए, ताकि हमारा मानस जन्म सुखमय बन सके। अपने जीवन को सुखमय करना चाहिए। उन्होंने कहा कि माता सती भगवान शिव के मना करने पर भी प्रजापति दक्ष के यज्ञ में पहुंची। बिना बुलाए अपने पिता के घर गईं। अपमान का सामना न करते हुए अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। शिव पुराण की कथा हमें उपदेश देती है कि जीवन साथी व अपने गुरु पर विश्वास व श्रद्धा होनी जरूरी है। बिन बुलाए मेहमान व बिना परिवार की आज्ञा से कहीं पर भी जाना शुभ नहीं होता।
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