सीहोर : विहिप बजरंग दल ने की गोवंश तस्करी रोकने की मांग - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

मंगलवार, 11 जून 2024

सीहोर : विहिप बजरंग दल ने की गोवंश तस्करी रोकने की मांग

Bajrang-vhp-dal-sehore
सीहोर। विश्व हिंदू परिषद व बजरंग दल ने गोवंश तस्करी रोकने की मांग को लेकर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। वहीं विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल ने चेतावनी दी कि यदि गो तस्करों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई नहीं की जाती है तो विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल अपने तरीके से गो तस्करों ने निपटेगा। इस संबंध में जानकारी देते हुए जिला प्रचार प्रसार प्रमुख आलेख राज राठौर ने जानकारी देते हुए बताया कि सोमवार कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचकर मुख्यमंत्री के नाम जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपा। बजरंग दल कार्यकर्ता नारेबाजी करते हुए कलेक्ट्रेट में पहुंचे। कार्यकर्ता पदाधिकारियों ने गोवंश तस्करी रोकने व गोवंश हत्या बंद करने सहित 19 सूत्रीय मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा गया है। इस मौके पर बड़ी संख्या में विहिप और बजरंग दल और क्षेत्रवासी मौजूद थे। विश्व हिन्दू परिषद के देशी गो वंश संवर्धन परिषद के प्रान्त उपाध्यक्ष अजीत शुक्ला, विभाग से मोहन भाटी, जिला अध्यक्ष जगदीश कुशवाह, उपाध्यक्ष पं. मोहित राम पाठक, मंत्री राकेश विश्वकर्मा, कोषाध्यक्ष महेश मेवाड़ा, वीएचपी गौ रक्षा प्रमुख जितेंद्र नरोलिया, बजरंग दल गौ रक्षा प्रमुख राजू मीना, अखाड़ा प्रमुख अनिरुद्ध प्रताप सिंह चौहान नगर अध्यक्ष परमवीर जाट, उपाध्यक्ष आशीष कुशवाह, मंत्री यहेश शेव, एवं प्रखण्ड और इकाई के समस्त  कार्यकर्ता तथा गौशाला संचालक, गौसेवकों, साधू संतों की उपस्थिति मे ज्ञापन दिया गया।


ज्ञापन में कहा गया है कि आपके द्वारा गोरक्षा संवाद पर गोशालाओं को दान की राशि बढ़ाई यह वर्ष गोरक्षा संकल्प वर्ष मनाने का निर्णय कर गोमाता (गोवंश) की रक्षा के संकल्पित हैं इसका विहिप गोरक्षा विभाग स्वागत करता है। किन्तु गोरक्षा संकल्प के सरकार मंशा के विपरित गोवंश तस्करी तेज गति से बड़ी और गोतस्कर निडर होकर बड़ी संख्या में गोवंश तस्करी कर रहें। ज्ञात हो पिपल्यामण्डी 47 ट्रक गोवंश बजरंगदल के कार्यकर्ताओं ने पुलिस के सहयोग से जप्त किया। सम्पूर्ण मध्यप्रदेश से गोवंश की तस्करी कर गोवंश को महाराष्ट्र, बंगाल ले जा रहे किसानों के नाम मांस व्यापारी गाडोल्या लोहार, भोलेभाले आदिवादियों को चन्द रूपये देकर तस्करी करातें हैं। अभी तक का गोवंश कभी भी दक्षिण से उत्तर की ओर नहीं गया। बैल किसानों के लिये है न कि माँस मण्डी के लिए। देवास, उमरीया, रूणीजा, मंहू में जप्त गोमाँस से यह सिद्ध होता है कि मध्यप्रदेश में लोकल सल्लाट हाऊस में गोवंश का वध कर लोकल माँस की दुकानों पर बिक रहा है। मध्यप्रदेश गोवंश वध प्रतिशोध अधिनियम की अवहेलना कर तस्कर सक्रीय है और पुलिस अनदेखी कर रही है। मध्यप्रदेश गोवंश वध प्रतिशोध अधिनियम का सख्ती से पालन हो। मध्यप्रदेश 350 लगभग पशु मेला एवं हाट बाजार के माध्यम से यह सब तस्करी होती है। ऐसे पशु बाजार एवं मेले पर प्रतिबंध लगा कर नियम विरूद्ध भरा गया हो तो मेला समिति पर भी मध्यप्रदेश गोवंश प्रतिषेध अधिनियम के तहत कार्यवाही की जाये। विहिप गोरक्षा विभाग निम्न प्रतिबंध की माँग करता है- इसमें पशु बाजार/मेले बंद किये जाये, गोवंश तस्करी बंद हो, यदि मेले की चि_ी पर गोवंश नियम विरूद्ध भरा हो तो मेला समिति पर गोवंश वध प्रतिषेध अधिनियम के तहत कार्यवाही की जाये। आबकारी के नियम जैसे नियम विरूद्ध गोवंश परिवहन पर वाहन राजसात अनिवार्य करे। जिस थाना क्षेत्र से तस्करी होती है, तो थाना प्रभारी को निलंबित किया जाये। एक से अधिक बार वाहन-गोतस्करी करते पकड़े जाने पर रासुका के तहत कायमी की जाये। 1962 संजीवनी पशु एम्बुलेंस को गोवंश के लिये 150 रू. शुल्क से मुक्त रखा जाये। खेत की मेड़ पर लगने वाली झटका मशीन पर प्रतिबंध लगाया जाये। गोतस्करी रोकने में बलीदान/अंगविहिन होने पर गोभक्तों को गोसेवक सम्मान दिया जाए, परिवार के एक सदस्य को शासकीय नौकरी दी जाये। गोशालाओं को भूमी आवंटन प्रक्रिया सरल कर तुरन्त भूमी आवंटन की जाये। गोशालाओं को 5 हार्स पॉवर का विद्युत कनेक्शन मुफ्त दिया जाये, न जनभागीदारी से गोशालाओं में निर्माण कार्य की अनुमती हो। स्वयंसेवी संस्थाओं को मनरेगा से मजदुर (सेवक) दिया जाये। गोचर भूमी अतिक्रमण मुक्त की जाये। गोशालाओं द्वारा निर्मित वर्मी कम्पोस्ट, कीटनियंत्रक को फर्टीलाजर्स एक्ट से बाहर किया जाये। गोशालाओं द्वारा निर्मित वर्मी कम्पोस्ट, कीट नियंत्रक को शासन खरीद कर सहकारी संस्थाओं के माध्यम से बिक्री करे, गोउत्पाद को टैक्स मुक्त किया जाये, पशु जाँच  चौकियों को स्थापित किया जाए। गोसमाधी स्थल का चयन कर सुरक्षित की जाये। प्रदेश में नवनिर्मित मनरेगा गोशाला को पूर्ण कर गोवंश रखा जाऐ ताकि बारिश में गोवंश सुरक्षित रह सके।

कोई टिप्पणी नहीं: