सीहोर : जिस स्थान पर सत्संग का आयोजन किया जाता है वह स्थान पवित्र हो जाता : पंडित सुनील पाराशर - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शनिवार, 15 जून 2024

सीहोर : जिस स्थान पर सत्संग का आयोजन किया जाता है वह स्थान पवित्र हो जाता : पंडित सुनील पाराशर

  • अंतर्राष्ट्रीय कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा जन्म दिवस के उपलक्ष्य में वृद्धाश्रम में पांच दिवसीय सत्संग और भजन कीर्तन

Satsang-sehore
सीहोर। हर साल की तरह इस साल भी शहर के सैकड़ाखेड़ी स्थित संकल्प वृद्धाश्रम में अंतर्राष्ट्रीय कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा के जन्म दिवस के उपलक्ष्य में विठलेश सेवा समिति, श्रद्धा भक्ति सेवा समिति और जिला संस्कार मंच के संयुक्त तत्वाधान में पांच दिवसीय सत्संग, भजन कीर्तन और हनुमान चालीसा पाठ आदि का आयोजन निरंतर किया जाएगा। पांच दिवसीय महोत्सव की शुरूआत केन्द्र के संचालक राहुल सिंह के मार्गदर्शन में समिति की ओर से पंडित मनोज दीक्षित मामा, पंडित सुनील पाराशर और उज्जैन के प्रसिद्ध शनि मंदिर के पुजारी सचिन त्रिवेदी आदि के द्वारा की गई। शनिवार को पहले दिन सत्संग में भगवान शिव की पूजा अर्चना के साथ शुरूआत की और उसके पश्चात यहां पर मौजूद बुजुर्गों और हितग्राहियों के द्वारा भगवान शिव और हनुमान आदि भजन-कीर्तन के साथ हनुमान चालीसा का पाठ किया गया। रविवार को गंगा दशहरा पर दोपहर में सत्संग और प्रवचन के साथ प्रसादी का वितरण किया जाएगा।


इस मौके पर शनिवार को सत्संग के दौरान पंडित श्री पाराशर ने कहा कि जिस स्थान पर सत्संग का आयोजन किया जाता है वह स्थान पवित्र हो जाता है। जो भक्त सत्संग में भाग लेते हैं वह भवसागर को पार कर जाते हैं। उन्होंने कहा कि ईश्वर ने मानव रूपी शरीर दिया है। यह मानव शरीर पूर्व जन्मों की कठिन तपस्या से प्राप्त होता है। ऐसे में मानव को अपना जीवन व्यर्थ नहीं जाने देना चाहिए। अपने दैनिक कार्यों में लीन रहते हुए समय निकालकर भगवत भजन में शामिल होना चाहिए ताकि मन को शांति व आत्मीय सुख प्राप्त हो सके। सत्संग द्वारा संतों की शरण में आकर मनुष्य को ईश्वर तक पहुंचने का अवसर प्राप्त होता है, इसलिए मुनष्य को सत्संग में शामिल होकर अध्यात्मीय लाभ उठाना चाहिए। उन्होंने कहा कि संतों के दिखाए मार्ग पर चलकर सदगुरु की स्तुति करने से जीवन में आनेवाली बाधाएं दूर होती हैं। 

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