- नशा, बाल विवाह, बाल श्रम, बाल भिक्षाटन, बाल यौन शोषण जैसी कुप्रथाओं को हर हाल में खत्म कराने के लिए प्रशासनिक अफसरों का आह्वान
डा. शर्मा ने बाल विवाह जैसी कुप्रथा को रोकने के समाज के बुद्धिजीवी वर्ग के माध्यम से लोगों को जागरूक करने की आवश्यकता है। पूर्व में जारी गाइड लाइन के अनुसार सार्थक प्रयास कर बाल विवाह को हर हालत में समाज से खत्म किया जाय। उन्होंने जिला, ब्लॉक, ग्राम स्तर पर बाल संरक्षण समिति की नियमित बैठकें कराये जाने के निर्देश दिये। इसके अलावा बच्चों को साइबर क्राइम तथा मोबाइल की लत से दूर रखने हेतु कार्यशाला आयोजित करने को निर्देशित दिया। उन्होंने कहा कि इस बार दीपावली पर पोस्टर के माध्यम से हमारा संकल्प होगा “एक युद्ध नशे के विरुद्ध“ देश को नशामुक्त बनाना है। उन्होंने मन्दिर-मठों के पास तिलक लगाने वाले बच्चों को चेक करते हुए उनको शिक्षा की तरफ मोड़ने तथा उनके बारे में भी व्यक्तिगत जानकारियां हासिल की करने की बात कही है। उन्होंने कहा कि 21 वर्ष से कम आयुवर्ग वालों को शराब विक्रय न करने दिया जाये। बाल तस्करी पर हर हाल में रोक लगाने का लगातार प्रयास किये जाने की जरुरत है। औषधि प्रशासन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया कि बच्चों को नशे की लत से दूर रखने के लिए सभी मेडिकल स्टोर्स के माध्यम से यह सुनिश्चित किया जाए कि बच्चों को एच-1 मॉडल की दवाइयां किसी भी दशा में नहीं दी जायेगी तथा सभी मेडिकल स्टोर्स पर सीसीटीवी भी लगवाया जाये। बैठक में बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्य अशोक यादव, मुख्य विकास अधिकारी वाराणसी हिमांशु नागपाल, मुख्य विकास अधिकारी चंदौली, जौनपुर, समाज कल्याण, श्रम, शिक्षा, जिला बाल संरक्षण इकाई, अल्पसंख्यक कल्याण, दिव्यांगजन कल्याण, आबकारी, पुलिस विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे तथा उनके द्वारा बाल संरक्षण से जुडे कार्यों की समीक्षा की गई।
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