कविता : अकेले बाहर कैसे जाए? - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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मंगलवार, 23 जुलाई 2024

कविता : अकेले बाहर कैसे जाए?

लड़की जब जाती बाजार,

लोग देखते यूं हजार,

बातें बना बना कर,

लोगो को सुना सुना कर,

एक लड़की अकेले बाहर कैसे जाए?

जब समाज ही उसको ये सब सुनाए,

तू लड़की है, लड़कियों की तरह रह,

हर वक्त उसे यही बताए,

मां भी टोकती है हरदम उसे,

तू लड़की है इसलिए टोकती तुझे,

हमारा समाज पिछड़ गया है,

इस अंधकार में लिपट गया है,

न जाने कब तक लड़कियां,

ये सब कुछ सहेंगी,

अकेले बाहर जाने से कब तक डरेंगी।।




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भावना

कक्षा-12

कन्यालीकोट, उत्तराखंड

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