बाढ़ व जल समस्या की जननी है बांध योजना : वैज्ञानिक श्याम सुन्दर राठी - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

मंगलवार, 23 जुलाई 2024

बाढ़ व जल समस्या की जननी है बांध योजना : वैज्ञानिक श्याम सुन्दर राठी

Dam-project-save-water
नई दिल्ली। देश आज बाढ़ के कारण बेहाल है तथा पिछले 3,,4 महीनों से 70 करोड़ भारतीय पानी की कमी के चलते जहरीला पानी पीने को मजबूर है। देश की 22% कृषि भूमि को सिंचाई की सुविधा मिल रही है और शेष 78% भूमि पर किसान अपने बलबूते या भगवान भरोसे खेती कर रहा है। देश में पानी की कमी का भयंकर अंधविश्वास फैला हुआ है मगर बाढ़ का अथाह पानी एवं जल समस्या दोनों आपकी आंखों के सामने है। यमुना में बाढ़ के वक्त 9 से 10 घंटों में दिल्ली के साल भर की जरूरत का पानी बहकर गुजर जाता है। जल सम्पद विभाग यमुना के बाढ़ का पानी सुरक्षित स्टोर कर के रखें तथा दिल्ली की जनता एवं हरियाणा के किसानों को पानी पहुंचाने की व्यवस्था करें। साल भर में दिल्ली जल समस्या मुक्त हो जाएगी और हरियाणा के लाखों किसानों को पानी मिलने लगेगा।

     

दर असल 5,000 वर्ष पुरानी बांध योजना बाढ़ वह जल समस्या की जननी है। जलसंपदा विभाग का काम प्रकृति से मिलने वाले पानी को स्टोर कर के रखना एवं जनता तक पहुंचा है। यह मानव जाति का सबसे बड़ा दुर्भाग्य है कि जल संपदा विभाग बांध योजना के जरिए प्रकृति से मिलने वाले पानी को बर्बाद करने में लगा हुआ है। हमारे देश के 10 बड़े बांध जितना पानी बर्बाद कर रहे है उस पानी से 145 करोड़ भारतीयों को साल भर का पीने का पानी, किसान भाइयों को 100% जल सेचन की सुविधा, हमारे देश के सभी उद्योग को आवश्यक होने वाले पानी की जरूरतें पूरी हो जाएगी। किसी इंसान ने सपने में भी नहीं सोचा होगा कि हमें बूंद बूंद पानी बचाओ का पाठ पढ़ाने वाला एवं पानी को सोने से भी अधिक मूल्यवान कहने वाला विभाग प्रतिवर्ष इतना पानी बर्बाद कर रहा है, उस पानी का मूल्य एक पैसा प्रति लीटर से हिसाब किया जाए तो 80 से 90 लाख करोड़ रुपये (हमारी सकल घरेलू उत्पाद का तीन गुना) बैठता है। जब मैंने देश को आवश्यक होने वाले पानी का सर्वे किया तथा बांधो की एफिसेंसी  की रिपोर्ट बनाई उस वक्त यह सभी तथ्य सामने आए, उन्हें आप सब के सामने रख रहा हूं। जलसंपदा विभाग को 5,000 साल पुरानी बांध योजना त्याग कर आधुनिक विज्ञान युग की जल भंडारण विधि (भीमकाय पानी की टंकियां) अपनाने की आवश्यकता है जिससे 2 वर्षो में बाढ़ एवं जल समस्या का अंत हो जाएगा। हम घरों में पानी रखने के लिए 300 से 1000 लीटर क्षमता की टंकियों का उपयोग कर रहे हैं मगर जल संपदा विभाग को पानी स्टोर कर के रखने के लिए हमारी घरेलू टंकियों से लाखों करोड़ों गुनी क्षमता वाली भीमकाय टंकियों  का उपयोग करना पड़ेगा। एम.एस.डी  की पूरी जानकारी मेरी शोध ग्रंथ (महा विज्ञान के नए सिद्धान्त एवं उदभावन) में विस्तार से मिल जाएगी।

   

जलसंपदा विभाग जनता से वसूले गए खरबों रुपए खर्च कर, करोड़ों लोगों के घरों को डुबोकर, हजारों जंगलों के खरबों पेड़ पौधों को काट कर प्रकृति से मिलने वाले पानी को अरबों एकड़ में फैला कर खत्म कर के कृत्रिम जल समस्या खड़ी करना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है। जलसंपदा विभाग 1000 लीटर पानी संग्रह करता है तो उसमें सिर्फ 2 से 3 लीटर पानी का लाभ उपभोक्ताओं को मिल रहा है अवशिष्ट 99. 7 से 99. 8 लीटर पानी बर्बाद हो रहा है। यह देश वासियों के साथ विश्वासघात हैं। जल सम्पदा विभाग के लाखों उच्चशिक्षित वैज्ञानिक, इंजीनियर, टेक्नीशियन, अधिकारी प्रकृति से मिलने वाले पानी को खत्म करने के काम में लगे हुए है। अब बुद्धिजीवी वर्ग जल समस्या का असली कारण समझ गया होगा। विश्व के सर्वकालिक महानतम वैज्ञानिक श्याम सुंदर राठी का शोध सन्देश आप लोगों के सहयोग से पूरी दुनिया तक पहुंचे ताकि मानव जाति को जल समस्या का असली कारण वह जल समस्या से मुक्ति का मार्ग मिले।

कोई टिप्पणी नहीं: