पटना 22 जुुलाई, भाकपा-माले राज्य सचिव कुणाल और सिकटा से माले विधायक वीरेन्द्र प्रसाद गुप्ता ने संयुक्त प्रेस बयान जारी करके कहा है कि पश्चिमी चंपारण के शिकारपुर थाने में मुहर्रम के जुलूस के दिन फिलीस्तीन का झंडा फहराने के आरोप में वसीम अकरम, शहनवाज अंसारी, हजबुल्ला, रासीद, साहेब आलम, महताब, जहांगीर, डीजे संचालक योगेन्द्र सहनी, मो. वकील और पिकअप वैन पर बैठे कई अज्ञात युवकों के खिलाफ नए फौजदारी कानून के तहत धारा 152 अर्थात देशद्रोह का मुकदमा लगाकर, उनमें कुछ को जेल भेज दने की घटना की कड़ी निंदा की है. उन्होंने कहा कि प्रशासन की इस कार्रवाई का आधार केवल और केवल मुस्लिम विरोध है. हम गिरफ्तार युवकों की अविलंब रिहाई की मांग करते हैं. माले नेताओं ने कहा कि भीषण जनसंहार झेल रहे फिलीस्तीन के साथ शुरू से ही भारत खड़ा रहा है. यह समझ से परे है कि किसी पीड़ित राष्ट्रीयता के पक्ष में खड़ा होना अपने देश की संप्रुभता के साथ कैसे खिलवाड़ है? मोदी सरकार ने आज फिलीस्तीन के समर्थन को एक अपराध बना दिया है. नए फौजदारी कानूनों का असली रंग अब दिखने लगा है. मोदी सरकार कहती थी कि उसने औपनिवेशिक जमाने का राजद्रोह खत्म कर दिया, लेकिन उसकी जगह उसने देशद्रोह का जो कानून लाया है, वह कहीं और ज्यादा खतरनाक है. यह देश में अभिव्यक्ति की आजादी को कुचल देने का ही औजार है. मुस्लिम फोबिया से ग्रसित प्रशासन ने फिलीस्तीन के समर्थन को देशद्रोह घोषित कर दिया है और इसके जरिए मुसलमानों को निशाना बनाया जा रहा है. यदि यह नहीं रूका तो देश में लोकतंत्र व संविधान का कोई मतलब ही नहीं रह जाएगा.
सोमवार, 22 जुलाई 2024
पटना : फिलीस्तीन का झंडा फहराने के आरोप में देशद्रोह का मुकदमा व गिरफ्तारी गलत : माले
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