- जिलाधिकारी ने बाल गृह की व्यवस्था पर नजर रखने के लिए नियमित रूप से औचक निरीक्षण करते रहने का दिया निर्देश, बाल विवाह,बाल श्रम ,बाल शोषण आदि से संबधित किसी भी तरह की सहायता या शिकायत के लिए चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर 1098 या 112 पर करे संपर्क
सहायक निदेशक ने बताया कि परवरिश योजना के तहत् लाभ पहुंचाने में मधुबनी जिले सूबे में दूसरे स्थान पर है। जिलाधिकारी अरविंद कुमार वर्मा ने अन्य लंबित मामलों का शीघ्र निष्पादन करने का निर्देश दिया। उन्होंने योजना का व्यापक प्रचार-प्रसार कर प्रथम स्थान के लिए गंभीरता पूर्वक प्रयास करने का निदेेश दिया। प्रायोजन योजना की समीक्षा के क्रम में सहायक निदेशक ने बताया कि वर्तमान में कुल 28 बच्चों को स्वीकृति प्रदान करते हुए इस योजना का लाभ दिया जा रहा है।गौरतलब है कि प्रायोजन योजना उन अनाथ बच्चों को दिया जाता है, जो अपने निकटतम अभिभावक के साथ रहते हैं तथा विधवा, तलाकशुदा, परित्यक्ता के बच्चों, उन परिवार के बच्चों जिसमें कमाऊ सदस्य की मृत्यु हो चुकी है या दुर्घटना के कारण मुख्य कमाऊ सदस्य दिव्यांंग हो चुके हैं या न्यायिक आदेश के कारण कमाऊ सदस्य कारागार में हैं, उन बच्चों को भी प्रायोजन योजना का लाभ मिलता है। चाइल्डलाइन के कार्यों की समीक्षा के क्रम में बताया गया कि चाइल्डलाइन हेल्पलाइन मधुबनी के तहत् प्राप्त कुल 20 वादों का शतप्रतिशत निष्पादन किया जा चुका है। गौरतलब है कि 18 वर्ष से कम बालक/बालिका को सुरक्षा प्रदान करने हेतु जिला प्रशासन पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। किसी भी तरह की सहायता या शिकायत के लिए चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर 1098 या 112 पर संपर्क किया जा सकता है। जिलाधिकारी के चाइल्डलाइन के प्रचार-प्रसार का निदेेश जिला जन सम्पर्क पदाधिकारी को दिए। उक्त बैठक में एडीएम शैलेश कुमार, एसडीपीओ मुख्यालय रश्मि, सिविल सर्जन डॉ. नरेश कुमार भीमसारिया, जिला बाल संरक्षण इकाई के सहायक निदेशक आशीष अमन, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी परिमल कुमार, प्रशिक्षु जिला जनसंपर्क पदाधिकारी अमन कुमार आकाश समेत संबंधित विभाग के अन्य पदाधिकारी मौजूद रहे।
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