कविता : इस संघर्ष के मैदान में - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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सोमवार, 22 जुलाई 2024

कविता : इस संघर्ष के मैदान में

तू कदम पीछे न रख,

तू यूं हताश ना बैठ, 

इस संघर्ष के मैदान में,

तू हाथ पर हाथ धरे न बैठ, 

तू यूं परेशान ना हो,

इस संघर्ष के मैदान में,

बड़े बुज़ुर्ग कहते हैं,

आज नहीं तो कल होगा, 

इसका भी कोई हल होगा,

तू हिम्मत कर तो सही, 

यूं पीछे न हट संघर्ष से,

दुनिया रोकेगी तुझे पर, 

तू दुनिया की सुन पीछे ना हट,

रख तो हौसला खुद पर, 

वो वक्त भी जल्द आएगा,

जब तेरा संघर्ष रंग लाएगा, 

जश्न के मंजर पर तुझे याद आएगा,

तेरा संघर्ष ही तुझे मंजिल तक पहुंचाएगी, 

बस तू रख यकीन खुद पर,

और जोर लगा इस संघर्ष के मैदान में।।





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प्रियांशी

कक्षा 9

ग्वालदम, उत्तराखंड

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